इंडिगो एयरलाइन के संकट में बढ़ती चुनौतियाँ और विवाद
इंडिगो एयरलाइन का परिचालन संकट
भारत की प्रमुख एयरलाइन इंडिगो इस समय अपने इतिहास के सबसे गंभीर परिचालन संकट का सामना कर रही है। पिछले सप्ताह में सैकड़ों उड़ानें रद्द होने के कारण यात्रियों में असंतोष बढ़ गया है, जिससे एयरलाइन की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं। यह समस्या केवल संचालन में गड़बड़ी तक सीमित नहीं है, बल्कि अब यह एक बड़े कॉर्पोरेट विवाद का रूप ले चुकी है।
व्हिसलब्लोअर का पत्र और आरोप
इस बीच, सोशल मीडिया पर एक गुमनाम व्हिसलब्लोअर का पत्र तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कंपनी के प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पत्र के लेखक ने खुद को इंडिगो का कर्मचारी बताया है और कहा है कि मौजूदा संकट अचानक नहीं आया, बल्कि यह कई वर्षों से चल रहे खराब प्रबंधन का परिणाम है।
प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल
व्हिसलब्लोअर के अनुसार, इंडिगो में लंबे समय से ऐसी कार्यप्रणाली चल रही थी जिसने कर्मचारियों को अत्यधिक थका दिया था। आरोप है कि रोस्टर ड्यूटी के संबंध में कर्मचारियों की कोई सुनवाई नहीं हुई। कई बार कर्मचारियों ने अपनी मानसिक और शारीरिक क्षमता से अधिक काम किया, लेकिन प्रबंधन ने इस स्थिति की ओर ध्यान नहीं दिया।
हालांकि, पत्र में कोई दस्तावेज या सबूत नहीं दिए गए हैं और लेखक ने अपनी पहचान भी नहीं बताई है। एयरलाइन ने अब तक इस पत्र पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
सीईओ की छुट्टी और विवाद
पत्र में इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को इस संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। आरोप है कि जब कंपनी सबसे बड़े संकट का सामना कर रही थी, उस समय सीईओ एल्बर्स नीदरलैंड में छुट्टियां मना रहे थे। यह आरोप सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया है, जिससे कंपनी की प्राथमिकताओं पर सवाल उठने लगे हैं।
पत्र का एक हिस्सा विशेष रूप से चर्चा में है, जिसमें लिखा गया है कि यदि आप उन्हें यात्री कहेंगे, तो वे समझेंगे कि एयरलाइन उनकी है। यह पंक्ति एयरलाइन के कथित बदले हुए रवैये को उजागर करती है।
सरकार से मांगें
लेटर के लेखक ने सरकार से अनुरोध किया है कि ग्राउंड स्टाफ के लिए न्यूनतम वेतन निर्धारित किया जाए और हर विमान के लिए पर्याप्त स्टाफ अनिवार्य किया जाए। इसके साथ ही, थकान से जुड़े नियमों की समीक्षा में कर्मचारियों के प्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग की गई है।
दावा किया गया है कि लागत नियंत्रण और तेज विस्तार की होड़ में एयरलाइन का सुरक्षा ढांचा कमजोर हो गया है, जिसके परिणाम अब सामने आ रहे हैं। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पहले ही इंडिगो को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें योजना, निगरानी और संसाधनों के प्रबंधन में गंभीर कमी का आरोप लगाया गया है।