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इलायची की खेती: सरकारी सहायता से कमाएं लाखों रुपये हर महीने

इलायची की खेती अब किसानों के लिए एक लाभकारी विकल्प बन गई है, जिसमें सरकारी सब्सिडी से उन्हें स्थायी आमदनी का अवसर मिलता है। इस लेख में जानें कि कैसे सही जलवायु, सिंचाई तकनीक और उर्वरक का उपयोग करके किसान लाखों रुपये कमा सकते हैं। इसके अलावा, सरकारी सहायता और तकनीकी मदद के बारे में भी जानकारी प्राप्त करें।
 

इलायची की खेती: स्थायी आमदनी का स्रोत

इलायची की खेती: सरकारी सब्सिडी के साथ कमाएं लाखों रुपये हर महीने: (Focus Keyword शुरू में उपयोग) इलायची की खेती सरकारी सहायता के माध्यम से किसानों के लिए एक स्थायी आमदनी का साधन बन सकती है। इसका उपयोग खाद्य पदार्थों से लेकर औषधियों तक में होता है और बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।


एक बार जब पौधे लगाए जाते हैं, तो वे 10 से 15 वर्षों तक उपज देते हैं। इसके लिए उपयुक्त जलवायु उष्णकटिबंधीय क्षेत्र है, जहां तापमान 10°C से 35°C और वर्षा 1500-4000 मिमी होती है। (tropical farming crops)


यह फसल छाया पसंद करती है, इसलिए खेत में लगभग 50-60% छाया होनी चाहिए। रोपण के लिए मानसून का महीना (जुलाई) सबसे अच्छा समय होता है। (cardamom plant spacing) के लिए 2.5×2 मीटर या 2×1.5 मीटर की दूरी उचित मानी जाती है।


सिंचाई, खाद और देखभाल से उत्पादन बढ़ाएं

सिंचाई, खाद और देखभाल से उत्पादन बढ़ाएं: इलायची के लिए नियमित सिंचाई आवश्यक है। गर्मियों में हर 15 दिन पर पानी देना चाहिए, जबकि मानसून के दौरान आवश्यकता के अनुसार सिंचाई करें। ड्रिप तकनीक (drip irrigation cardamom) से पानी की बचत होती है और नमी अच्छी बनी रहती है।


उर्वरता बढ़ाने के लिए गोबर की खाद और मिट्टी की जांच के बाद नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश जैसे उर्वरक (fertilisers for cardamom) मिलाएं। 2-3 साल बाद पौधे फल देना शुरू करते हैं। कटाई के बाद फली को धूप या ड्रायर में सुखाया जाता है और छांट कर बिक्री के लिए तैयार किया जाता है।


कम लागत में अधिक लाभ और सरकारी मदद

कम लागत में अधिक लाभ और सरकारी मदद: एक हेक्टेयर में लगभग 400 से 800 किलो इलायची का उत्पादन होता है। यदि बाजार मूल्य ₹1500 प्रति किलो है, तो ₹6-12 लाख की आमदनी हो सकती है। लागत घटाकर भी ₹3-5 लाख का शुद्ध मुनाफा संभव है। (cardamom income)


सरकार किसानों को बागवानी मिशन (NHM) के तहत पौधारोपण, सिंचाई और भंडारण के लिए सब्सिडी प्रदान करती है। स्पाइस बोर्ड (spice board cardamom) तकनीकी सहायता के साथ वित्तीय मदद भी उपलब्ध कराता है। किसान स्थानीय बागवानी विभाग या मसाला बोर्ड कार्यालय से संपर्क कर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।