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ईयू के नए प्रतिबंध: भारत पर पड़ेगा गहरा आर्थिक प्रभाव

यूरोपीय संघ ने रूस पर नए प्रतिबंध लगाए हैं, जो भारत के लिए आर्थिक संकट का कारण बन सकते हैं। इस निर्णय से भारत के पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर गहरा असर पड़ेगा, जिससे 15 अरब डॉलर के निर्यात पर खतरा मंडरा रहा है। जानें इस स्थिति का विस्तृत विश्लेषण और इसके संभावित परिणाम।
 

यूरोपीय संघ का महत्वपूर्ण निर्णय


यूरोपीय संघ के फैसले का भारत पर पड़ सकता है सीधा असर


बिजनेस न्यूज़ : वर्तमान में वैश्विक संबंध तेजी से बदल रहे हैं। अमेरिकी टैरिफ नीति के कारण कई देश संकट में हैं, वहीं रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के परिणाम भी बदल रहे हैं। अमेरिका ने रूस पर दबाव बनाए रखा है, और अब यूरोपीय संघ (ईयू) ने भी रूस पर नए प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। ये प्रतिबंध रूस के लिए गंभीर हो सकते हैं, लेकिन भारत के लिए भी आर्थिक संकट का संकेत हो सकते हैं।


भारत के लिए खतरे की घंटी

यूरोपीय संघ (ईयू) ने रूस के खिलाफ एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके तहत, ईयू ने रूस से आने वाले तेल पर नई पाबंदियाँ लगाई हैं। इससे भारत पर भी प्रभाव पड़ सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, इस कदम से भारत के पेट्रोलियम उत्पादों के 15 अरब डॉलर के निर्यात पर खतरा मंडरा रहा है। यह जानकारी आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने दी है।


ईयू के 27 देशों ने अपने 18वें प्रतिबंध पैकेज के तहत यह निर्णय लिया है, जिसमें रूस के ऊर्जा क्षेत्र की आय को कम करने के लिए कठोर कदम उठाए गए हैं। अब यूरोपीय संघ किसी भी तीसरे देश से ऐसे पेट्रोलियम उत्पादों का आयात नहीं करेगा, जो रूसी कच्चे तेल से बने हों। इससे भारत, तुर्की और यूएई जैसे देश प्रभावित होंगे, जो रूस से तेल खरीदकर रिफाइन कर यूरोप को डीजल, पेट्रोल और जेट ईंधन बेचते हैं।


भारत के निर्यात पर अरबों डॉलर का प्रभाव

यूरोपीय संघ के इस निर्णय का भारत पर प्रभाव की बात करें तो जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने बताया कि भारत के लगभग 5 अरब डॉलर मूल्य के पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर सीधा असर पड़ेगा। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने यूरोपीय संघ को 19.2 अरब डॉलर का पेट्रोलियम निर्यात किया था, जो 2024-25 में 27.1% गिरकर 15 अरब डॉलर रह गया।