एच-1बी वीजा शुल्क वृद्धि पर भारतीय दूतावास ने जारी किया आपातकालीन हेल्पलाइन
अमेरिकी राष्ट्रपति का नया निर्णय
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा आवेदनों पर हर साल 1,00,000 डॉलर का शुल्क लगाने का निर्णय लिया है, जिससे भारतीय पेशेवरों में चिंता का माहौल बन गया है। इस घोषणा के बाद, वाशिंगटन में भारतीय दूतावास ने शनिवार को भारतीय नागरिकों के लिए तत्काल सहायता हेतु एक इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
आपातकालीन सहायता के लिए संपर्क
दूतावास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, "आपातकालीन सहायता की आवश्यकता वाले भारतीय नागरिक +1-202-550-9931 पर संपर्क कर सकते हैं। यह नंबर केवल उन नागरिकों के लिए है जो तत्काल सहायता चाहते हैं, सामान्य कांसुलर पूछताछ के लिए नहीं।" इस कदम से भारतीय तकनीकी पेशेवरों और विदेशों से भेजे जाने वाले धन पर इसके प्रभाव को लेकर गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो गई हैं, क्योंकि लगभग 71 प्रतिशत एच-1बी वीजा भारतीय नागरिकों को जारी किए जाते हैं।
अमेरिकी प्रशासन का स्पष्टीकरण
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह शुल्क केवल नए एच-1बी वीजा आवेदनों पर लागू होगा, मौजूदा वीजा धारकों या नवीनीकरण के लिए नहीं। व्हाइट हाउस ने कहा कि यह एक बार का शुल्क है जो केवल नए वीजा पर लागू होगा।
भारतीय सरकार की प्रतिक्रिया
इस बीच, भारतीय सरकार ने अपने सभी दूतावासों और मिशनों को निर्देश दिया है कि वे अमेरिका लौटने वाले भारतीय नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करें। विदेश मंत्रालय ने भी इस मामले पर ध्यान दिया है और एच-1बी वीजा कार्यक्रम में किए गए परिवर्तनों की समीक्षा कर रहा है।
मानवीय संकट की चेतावनी
मंत्रालय ने चिंता व्यक्त की है कि इस कदम के वित्तीय प्रभाव के अलावा, परिवारों के लिए मानवीय संकट भी उत्पन्न हो सकता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "सरकार एच-1बी वीजा कार्यक्रम पर प्रस्तावित प्रतिबंधों के प्रभावों का अध्ययन कर रही है।" उन्होंने चेतावनी दी कि ट्रंप का यह निर्णय व्यापारिक क्षेत्र पर भी असर डाल सकता है।