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कनाडाई निवेशकों का भारत में बढ़ता विश्वास: 28,000 करोड़ का निवेश

कनाडाई निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में 28,000 करोड़ का निवेश किया है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था और डिजिटल क्रांति के बारे में बात की। जानें इस निवेश के पीछे के कारण और भारत की आर्थिक प्रगति के बारे में।
 

निवेश में तेजी: चार महीनों में 28,000 करोड़ की वृद्धि


तेजी से बढ़ता निवेश


भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं, खासकर कनाडाई निवेशकों के लिए। हाल के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2025 से अब तक कनाडाई एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार में लगभग 28,000 करोड़ का निवेश किया है।


बाजार नियामक सेबी के अनुसार, मई 2025 तक कनाडाई निवेशकों के पास कुल शेयरों की संपत्ति लगभग 1.76 लाख करोड़ (लगभग 21 बिलियन डॉलर) तक पहुंच गई है। कनाडाई पेंशन फंड इस क्षेत्र में प्रमुख निवेशकों में से एक है, जिसके पास मार्च 2025 तक 12.2 अरब डॉलर की संपत्ति थी।


कनाडाई पेंशन योजना के पास भारतीय मुद्रा में शुद्ध संपत्ति का 2% हिस्सा था, जो मार्च 2024 के अंत में 3% से कम हो गया। नेशनल एसेट्स डिपॉजिटरी लिमिटेड के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2024 में यह आंकड़ा 1.98 लाख करोड़ के उच्चतम स्तर पर पहुंचा था।


भारत की उभरती अर्थव्यवस्था

भारत तेजी से विकास की ओर अग्रसर है और विश्व की उन कुछ अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उच्च विकास दर बनाए रखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइप्रस में कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में है।


उन्होंने भारत में स्टार्टअप, डिजिटल क्रांति, एआई, क्वांटम टेक्नोलॉजी और बुनियादी ढांचे में हो रहे परिवर्तनों पर भी प्रकाश डाला।


आर्थिक प्रगति का जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले साइप्रस दौरे पर भारत की आर्थिक प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत ने तेजी से आर्थिक विकास किया है और यह जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है।