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केंद्र सरकार की नई ऋण गारंटी योजना से भारतीय उद्योगों को मिलेगा सहारा

केंद्र सरकार ने अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित भारतीय उद्योगों के लिए एक नई ऋण गारंटी योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत, उद्योग 50 करोड़ रुपये तक का रियायती कर्ज प्राप्त कर सकेंगे। सरकार का उद्देश्य निर्यातकों को वित्तीय सहायता प्रदान करना और नए बाजारों की खोज को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत के खिलाफ टैरिफ में कमी की संभावना का संकेत दिया है। जानें इस योजना के बारे में और क्या कदम उठाए जाएंगे।
 

केंद्र सरकार ने की ऋण गारंटी योजना की घोषणा


Business News Update: अगस्त में अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ के कारण भारतीय उद्योगों के कई क्षेत्र मंदी का सामना कर रहे हैं। इन टैरिफ के चलते निर्यात में भारी गिरावट आई है, जिससे उद्योगों पर संकट के बादल छा गए हैं। हालांकि, केंद्र सरकार ऐसे उद्योगों को समर्थन देने के लिए तैयार है जो इन टैरिफ के प्रभाव से जूझ रहे हैं।


इस दिशा में, केंद्र सरकार ने ऋण गारंटी योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत, उद्योग 50 करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त कर्ज रियायती दर पर प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना निर्यातकों के लिए अल्पकालिक वित्तीय असंतुलन को दूर करने और नए बाजारों की खोज के उद्देश्य से शुरू की गई है।


जल्द 2,000 करोड़ आवंटित करेगा केंद्र

केंद्र सरकार ऋण गारंटी योजना के तहत 2,000 करोड़ रुपये का आवंटन करने जा रही है। राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड को पात्र निर्यातकों को 20,000 करोड़ रुपये तक की कर्ज सुविधाएं प्रदान करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। कंपनी के पास कुछ राशि पहले से उपलब्ध है, और संसद की मंजूरी के बाद शेष राशि प्रदान की जा सकती है।


अमेरिकी राष्ट्रपति दे चुके बड़ा बयान

हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह संकेत दिया था कि वे भारत के खिलाफ लगाए गए टैरिफ में कमी करने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, उन्होंने इस प्रक्रिया के लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं बताई है। ट्रंप ने कहा कि वे जल्द ही भारत के साथ व्यापार समझौते और टैरिफ में कमी की घोषणा कर सकते हैं।


भारत मान चुका है अमेरिका की यह शर्त

अमेरिकी दबाव के चलते, भारत ने हाल के महीनों में रूस से कच्चे तेल के आयात में भारी कमी की है। आने वाले महीनों में इसे और कम करने की योजना है। भारत ने अब अपनी आवश्यकताओं के अनुसार खाड़ी देशों और अमेरिका से कच्चा तेल आयात करना शुरू कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहले ही भारत को चेतावनी दी थी कि जब तक भारत रूस से कच्चा तेल आयात करना बंद नहीं करता, तब तक व्यापार समझौता नहीं होगा और आर्थिक प्रतिबंध भी बढ़ाए जाएंगे।