क्या अमेरिका-ईरान संघर्ष से भारतीय शेयर बाजार में आएगी तेजी?
वैश्विक बाजारों में चिंता के बीच भारतीय शेयर बाजार की संभावनाएं
मध्य पूर्व में ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते संघर्ष के कारण अमेरिका की भागीदारी ने वैश्विक बाजारों में चिंता का माहौल बना दिया है। फिर भी, भारतीय शेयर बाजार सोमवार को सकारात्मक शुरुआत कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका द्वारा ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमले के बाद निवेशकों में अस्थिरता बढ़ी है, लेकिन तकनीकी संकेत कुछ राहत की उम्मीद जता रहे हैं।
भारतीय बाजारों में शुक्रवार को आई तेजी
शुक्रवार को भारतीय बाजार ने तीन दिनों की गिरावट से उबरते हुए जोरदार तेजी दिखाई। सेंसेक्स 1,133 अंकों की बढ़त के साथ 82,494.49 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 50 भी 25,136.20 तक चढ़ गया। अब सभी की नजर सोमवार की ओपनिंग पर है, जहां 'गैप-अप' की संभावना जताई जा रही है।
अमेरिका-ईरान संघर्ष से बढ़ी अनिश्चितता
ईरान के फोर्दो, नतांज और इस्फहान न्यूक्लियर ठिकानों पर अमेरिका के बंकर बस्टर बम गिराने के बाद स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है। अमेरिकी B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स द्वारा किए गए इन हमलों ने युद्ध के दायरे को और बढ़ा दिया है। ईरान ने पलटवार की चेतावनी दी है, जिससे मध्य पूर्व में व्यापक युद्ध की आशंका बढ़ गई है।
तेल और सोने की कीमतों में संभावित वृद्धि
Hensex Securities के रिसर्च AVP महेश एम. ओझा का कहना है कि जैसे-जैसे जियोपॉलिटिकल तनाव बढ़ रहा है, निवेशकों को सोमवार की गैप-अप ओपनिंग पर ध्यान देना चाहिए। इस संघर्ष का सीधा असर कच्चे तेल और सोने की वैश्विक कीमतों पर पड़ेगा।
Nifty 50 के लिए 24,500 का मजबूत सपोर्ट
SS WealthStreet की फाउंडर सुगंधा सचदेवा के अनुसार, Nifty पिछले 6 हफ्तों से 24,500 से 25,200 के दायरे में घूम रहा है। अब 24,500 के मजबूत सपोर्ट के साथ यह ब्रेकआउट के करीब है। यदि यह स्तर टूटता है, तो अगला लक्ष्य 25,700 हो सकता है।
Bank Nifty के लिए 55,400 का महत्व
Bank Nifty पर चर्चा करते हुए सुगंधा सचदेवा ने बताया कि इसे 55,400 का सपोर्ट मिल रहा है। जब तक यह स्तर बना रहता है, तब तक यह इंडेक्स 57,180 तक की उछाल दिखा सकता है।
शुक्रवार की तेजी ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया
बीते शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में 1.4% की मजबूती देखने को मिली। यह संकेत देता है कि भले ही बाजार में अनिश्चितता हो, लेकिन निवेशकों को भारत की आर्थिक स्थिति पर भरोसा है। अब बाजार की नजर अमेरिकी कार्रवाई के जवाब में ईरान की रणनीति और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी।