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गाजा में Parle-G बिस्किट की कीमतें आसमान छू रही हैं: जानें सच्चाई

गाजा में इजरायल-हमास युद्ध के चलते खाद्य वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। एक वायरल पोस्ट में बताया गया है कि भारत में 5 रुपये में मिलने वाला Parle-G बिस्किट गाजा में 2,300 रुपये से अधिक में बिक रहा है। इस स्थिति ने गाजा के निवासियों की कठिनाइयों को उजागर किया है। जानें इस दावे की सच्चाई और गाजा के हालात के बारे में अधिक जानकारी।
 

गाजा में इजरायल-हमास युद्ध का प्रभाव

वायरल: गाजा में चल रहे इजरायल-हमास संघर्ष ने वहां के निवासियों के जीवन को कठिन बना दिया है। हाल ही में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि भारत में केवल 5 रुपये में मिलने वाला Parle-G बिस्किट का पैकेट गाजा में 2,300 रुपये से अधिक में बिक रहा है। यह दावा गाजा के निवासी मोहम्मद जवाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर किया, जिसके बाद यह पोस्ट तेजी से वायरल हो गई। आइए जानते हैं इस दावे की सच्चाई और गाजा के हालात के बारे में।


मोहम्मद जवाद ने X पर लिखा कि उन्होंने अपनी बेटी रवीफ के लिए उसका पसंदीदा Parle-G बिस्किट खरीदा, जिसकी कीमत 24 यूरो (लगभग 2,342 रुपये) थी। उन्होंने बताया कि पहले यह बिस्किट 1.5 यूरो (करीब 146 रुपये) में मिलता था, लेकिन अब इसकी कीमत में भारी वृद्धि हुई है। जवाद ने कहा, "लंबे इंतजार के बाद मैंने रवीफ के लिए उसका पसंदीदा बिस्किट खरीदा। कीमत ज्यादा होने के बावजूद मैं उसे यह खुशी देना चाहता था।" इस पोस्ट ने गाजा में बुनियादी चीजों की कमी और आसमान छूती कीमतों को उजागर किया।


गाजा में कीमतों में वृद्धि का कारण

गाजा में क्यों बढ़ी कीमतें?


अक्टूबर 2023 से शुरू हुए इजरायल-हमास युद्ध ने गाजा को आर्थिक और मानवीय रूप से तबाह कर दिया है। इस साल मार्च से मई तक गाजा में लगभग पूर्ण नाकेबंदी रही, जिसके कारण मानवीय सहायता के ट्रक भी मुश्किल से पहुंच पाए। संयुक्त राष्ट्र और राहत एजेंसियों के अनुसार, गाजा में भोजन, पानी और दवाइयों की भारी कमी हो गई है। इस स्थिति ने कालाबाजारी को बढ़ावा दिया है। राहत सामग्री के रूप में भेजे गए खाद्य पैकेट भी।




गाजा में खाद्य वस्तुओं की कीमतें

ऊंची कीमतों पर बेचे जा रहे हैं.


उदाहरण के लिए, जहां भारत में 1 किलो चीनी की कीमत 40-50 रुपये है, वहीं गाजा में यह 5,000 रुपये तक पहुंच गई है। इसी तरह, आलू की कीमत 2,000 रुपये प्रति किलो तक हो गई है। Parle-G जैसी सस्ती चीजें भी अब वहां लक्जरी बन गई हैं।


गाजा में भुखमरी जैसे हालात


मानवीय संगठनों ने चेतावनी दी है कि गाजा में भुखमरी जैसे हालात बन गए हैं। बच्चों पर इसका सबसे बुरा असर पड़ रहा है। कुपोषण की दर बढ़ रही है, और स्वच्छ पानी, दवाइयां और भोजन तक पहुंच बेहद सीमित हो गई है। अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद कुछ सहायता ट्रक गाजा पहुंचे हैं, लेकिन यह जरूरतों के मुकाबले नाकाफी है। कालाबाजारी के कारण राहत सामग्री भी आम लोगों तक नहीं पहुंच पा रही।


क्या है इस दावे की सच्चाई?

क्या है इस दावे की सच्चाई?


मोहम्मद जवाद का दावा गाजा में बिगड़ते हालात की एक झलक पेश करता है। हालांकि, इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है कि Parle-G की कीमत वाकई 2,300 रुपये तक पहुंच गई है। फिर भी, गाजा में खाद्य पदार्थों की कीमतों में भारी वृद्धि की खबरें कई बार सामने आ चुकी हैं। यह स्थिति युद्ध, नाकेबंदी और कालाबाजारी का मिला-जुला परिणाम है।


भारत से तुलना


भारत में Parle-G एक सस्ता और लोकप्रिय बिस्किट है, जो 5 रुपये में आसानी से मिल जाता है। गाजा में इसकी कीमत 2,300 रुपये तक पहुंचना वहां की आर्थिक तंगी को दर्शाता है। यह अंतर न केवल आर्थिक संकट को दिखाता है, बल्कि यह भी बताता है कि युद्ध ने आम लोगों की जिंदगी को कितना मुश्किल बना दिया है।