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गौतम अडानी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर दी प्रतिक्रिया, भारतीय उद्यमों की चुनौती बताई

गौतम अडानी ने हाल ही में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने इसे केवल अडानी समूह की आलोचना नहीं, बल्कि समग्र भारतीय उद्योग के लिए एक चुनौती बताया। उन्होंने अपने कर्मचारियों की प्रतिबद्धता की सराहना की और भविष्य की प्राथमिकताओं पर जोर दिया, जिसमें ईमानदारी और पारदर्शिता शामिल हैं। अडानी ने कहा कि हर संकट उनकी नींव को मजबूत करता है और उनकी कहानी साहस और संकल्प की गवाही बनेगी।
 

अडानी समूह पर हिंडनबर्ग का हमला

गौतम अडानी ने बुधवार को स्पष्ट किया कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने केवल अडानी समूह को ही नहीं, बल्कि समग्र भारतीय उद्योग को निशाना बनाया है। इस अरबपति समूह के संस्थापक ने शेयरधारकों को लिखे पत्र में कहा कि यह रिपोर्ट सिर्फ उनके समूह की आलोचना नहीं थी, बल्कि यह भारतीय उद्यमों के सपनों और साहस को चुनौती देने वाली थी। अडानी ने कहा कि यह एक ऐसा परीक्षण था जिसने उनकी क्षमताओं के हर पहलू को प्रभावित किया। इसने उनके शासन, उद्देश्यों और इस विचार पर भी सवाल उठाया कि भारतीय कंपनियाँ वैश्विक स्तर पर नेतृत्व करने की क्षमता रखती हैं।


सत्य की जीत और समूह की प्रतिबद्धता

अडानी ने कहा कि सेबी के स्पष्ट वचन के साथ सत्य की जीत हुई है, जैसा कि वे हमेशा कहते आए हैं, 'सत्यमेव जयते'। उन्होंने इसे एक लक्षित और बहुआयामी हमले के रूप में वर्णित किया और अपने कर्मचारियों की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने बताया कि इस कठिन दौर में भी समूह के बंदरगाह, बिजली संयंत्र, हवाई अड्डे, सीमेंट और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं आगे बढ़ती रहीं। अडानी ने कहा कि इस संकट ने उनके समूह के चरित्र को और मजबूत किया है।


भविष्य की प्राथमिकताएं

भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए, अडानी ने कहा कि ईमानदारी और पारदर्शिता समूह की नींव बनी रहनी चाहिए। उन्होंने ऊर्जा, लॉजिस्टिक और बुनियादी ढांचे में नवाचार और दीर्घकालिक मूल्य निर्माण पर जोर दिया। अडानी ने कहा कि हमें आज की प्रशंसा के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए निर्माण करना है। उन्होंने कर्मचारियों को धन्यवाद देते हुए इस समय को 'अग्निपरीक्षा' बताया और कहा कि हर संकट बुनियाद को मजबूत करता है। अंत में, उन्होंने कहा कि उनकी कहानी साहस, संकल्प और मातृभूमि भारत के प्रति वादे की गवाही बनेगी।