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चिंतन रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष ने वैश्विक परिवर्तन पर जोर दिया

अरावली सीमेंट में चिंतन रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष शिशिर प्रियदर्शी ने वैश्विक स्तर पर तीन महत्वपूर्ण परिवर्तनों की चर्चा की। उन्होंने सहयोग और साझेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया और बताया कि संस्था व्यापार, जलवायु परिवर्तन और भू-राजनीति के क्षेत्रों में कार्य कर रही है। प्रियदर्शी ने उपस्थित लोगों से संवाद और नवाचार को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया, ताकि आर्थिक पुनर्संतुलन, जलवायु संकट और रणनीतिक प्रतिस्पर्धा जैसे मुद्दों का समाधान किया जा सके।
 

वैश्विक परिवर्तन और सहयोग की आवश्यकता

सूचना स्रोत :- अरावली सीमेंट में चिंतन रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष शिशिर प्रियदर्शी ने अपने भाषण में बताया कि वर्तमान में दुनिया तीन महत्वपूर्ण परिवर्तनों के दौर से गुजर रही है। इस समय सहयोग और साझेदारी अत्यंत आवश्यक सिद्धांत बन गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि चिंतन रिसर्च फाउंडेशन तीन मुख्य क्षेत्रों पर कार्य करता है।



ये क्षेत्र हैं व्यापार और अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा संक्रमण, और भू-राजनीति एवं सामरिक अध्ययन। इन तीनों वर्टिकल्स के माध्यम से संस्था का उद्देश्य विचारों का आदान-प्रदान, दृष्टिकोणों का समन्वय और समग्र समाधान तैयार करना है। प्रियदर्शी ने कहा कि आज वैश्विक स्तर पर नीतियों और रणनीतियों में आपसी जुड़ाव पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है।


उन्होंने यह भी बताया कि इस युग में केवल एक क्षेत्र की विशेषज्ञता पर्याप्त नहीं है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों के बीच विचारों और अनुभवों का मेल ही टिकाऊ प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने उपस्थित प्रतिनिधियों, विशिष्ट अतिथियों और नीति-निर्माताओं से आग्रह किया कि वे संवाद, अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करें, ताकि दुनिया जिन तीन प्रमुख चुनौतियों का सामना कर रही है—आर्थिक पुनर्संतुलन, जलवायु संकट और रणनीतिक प्रतिस्पर्धा—उनका साझा समाधान खोजा जा सके।


प्रियदर्शी ने यह भी कहा कि चिंतन रिसर्च फाउंडेशन का प्रयास है कि भारत की सोच और नीति दृष्टिकोण को वैश्विक विमर्श का हिस्सा बनाया जाए। उन्होंने अपने वक्तव्य का समापन इस संदेश के साथ किया कि हमारा लक्ष्य केवल विश्लेषण नहीं, बल्कि एक बेहतर, संतुलित और सहयोगी विश्व का निर्माण है।