×

चीन का सोने के भंडार पर वैश्विक प्रभाव बढ़ाने का प्रयास

चीन ने शंघाई गोल्ड एक्सचेंज के माध्यम से वैश्विक सोने के भंडार को अपने नियंत्रण में लाने की योजना बनाई है। यह कदम अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता को कम करने और वैश्विक वित्तीय प्रणाली में बदलाव लाने का प्रयास है। चीन का केंद्रीय बैंक, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना, अन्य देशों को सोने के सुरक्षित भंडार के रूप में आकर्षित करने के लिए कई नई नीतियाँ लागू कर रहा है। इस लेख में चीन की सोने की खरीदारी की रणनीतियों, भारत की भूमिका और वैश्विक सोने की कीमतों में वृद्धि के कारणों पर चर्चा की गई है।
 

चीन की नई योजना

हालिया मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चीन विभिन्न देशों को शंघाई गोल्ड एक्सचेंज के माध्यम से सोने की खरीद-बिक्री के लिए प्रेरित कर रहा है। इसका उद्देश्य अन्य देशों के सोने के भंडार को चीन में स्थापित करना है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह प्रयास पिछले कुछ महीनों में तेजी से बढ़ा है, और दक्षिण-पूर्व एशिया के कम से कम एक देश ने इसमें रुचि दिखाई है।


वैश्विक वित्तीय प्रणाली में बदलाव

विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह कदम सफल होता है, तो यह वैश्विक वित्तीय प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। इसका मुख्य उद्देश्य अमेरिकी डॉलर और पश्चिमी देशों, जैसे अमेरिका, ब्रिटेन और स्विट्ज़रलैंड, पर निर्भरता को कम करना है। विभिन्न देशों ने बढ़ते भू-राजनीतिक जोखिमों के कारण सोने की खरीदारी में वृद्धि की है। चीन का केंद्रीय बैंक, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBoC), उन देशों को सोना रखने का एक नया सुरक्षित विकल्प प्रदान करने की कोशिश कर रहा है।


सोने के भंडार में चीन की स्थिति

ब्रिटेन, अमेरिका और स्विट्ज़रलैंड के पास सोने के सबसे बड़े भंडार हैं। उदाहरण के लिए, बैंक ऑफ इंग्लैंड के पास 5,000 टन से अधिक सोना है, जबकि अमेरिका के पास 8,000 टन से अधिक सोना है। वर्तमान में, PBoC के पास लगभग 2,500 टन सोना है, जो केंद्रीय बैंकों की वैश्विक रैंकिंग में पांचवें स्थान पर है। हालांकि, कई विशेषज्ञ मानते हैं कि यह आंकड़ा वास्तविकता को नहीं दर्शाता।


चीन की सोने की खरीदारी की रणनीति

पिछले तीन वर्षों में, दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने तेजी से सोने की खरीदारी की है, जिसमें PBoC भी शामिल है। चीन सरकार अब इस स्थिति का आकलन कर रही है कि उसके पास पर्याप्त सोना इकट्ठा हो गया है, जिससे वह वैश्विक सोने के बाजार में बदलाव की पहल कर सकती है। हाल ही में, चीन ने स्वर्ण व्यापार से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।


आयात-निर्यात नियमों में बदलाव

PBoC ने स्वर्ण व्यापार को सुगम बनाने के लिए नियमों में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। इसका उद्देश्य घरेलू संस्थानों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से सोना प्राप्त करना आसान बनाना है।


स्वर्ण भंडारों का संरक्षक बनने की पहल

चीन शंघाई गोल्ड एक्सचेंज (SGE) के माध्यम से मित्र देशों के केंद्रीय बैंकों को आमंत्रित कर रहा है कि वे अपने सोने को चीन के भंडार में सुरक्षित रखें।


चीन की खरीदारी की गति

PBoC ने पिछले दस महीनों में अपने आधिकारिक सोने के भंडार को लगातार बढ़ाया है। इसके साथ ही, चीन ने अमेरिकी ट्रेजरी बांड्स में अपने निवेश को घटाया है।


भारत की सोने की खरीदारी

भारत ने भी पिछले वर्षों में सोने की खरीदारी में वृद्धि की है। 2022 में भारतीय रिजर्व बैंक ने 33 टन सोना खरीदा, जबकि 2023 में यह मात्रा 27.47 टन रही।


सोने की कीमतों में वृद्धि

सोने की बढ़ती कीमतें वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और डॉलर पर निर्भरता कम करने की प्रवृत्ति का परिणाम हैं।


गोल्डमैन सैक्स के अनुमान

गोल्डमैन सैक्स ने हाल ही में सोने की कीमतों के बारे में अपने पूर्वानुमान को संशोधित किया है।


चीन का वैश्विक वित्तीय केंद्र बनने का प्रयास

चीन की हालिया पहलों को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि वह एक वैकल्पिक वित्तीय केंद्र के रूप में खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।