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छिंदवाड़ा में साध्वी की 90 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला: गिरफ्तारी की पूरी कहानी

छिंदवाड़ा में साध्वी लक्ष्मी दास उर्फ रीना रघुवंशी ने 90 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। पुलिस ने उसे नाटकीय तरीके से गिरफ्तार किया। जानें इस मामले की पूरी कहानी और साध्वी की गिरफ्तारी के पीछे की वजहें। क्या पुलिस इस मामले में और भी गहराई से जांच करेगी? पढ़ें पूरी खबर।
 

साध्वी की धोखाधड़ी का चौंकाने वाला मामला

छिंदवाड़ा: आपने अक्सर ढोंगी बाबाओं की कहानियाँ सुनी होंगी, लेकिन अब हम आपको साध्वी 420 की एक सच्ची घटना के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको चौंका देगी। छिंदवाड़ा जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक साध्वी ने 90 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। साध्वी लक्ष्मी दास उर्फ रीना रघुवंशी, जो खुद को धार्मिक महिला बताकर लोगों को धोखा दे रही थी, अब पुलिस की गिरफ्त में है।


यह वही साध्वी है, जो रामजानकी मंदिर से जुड़ी एक बड़ी धनराशि के गबन की मुख्य आरोपी है। गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने कोर्ट से लेकर जंगलों और गांवों तक का सहारा लिया, लेकिन पुलिस ने चतुराई से उसे नर्मदापुरम जिले के चंद्रकलां गांव से पकड़ लिया।


पुलिस को सूचना कैसे मिली?

पुलिस को कैसे मिली खबर?


पुलिस को एक मुखबिर से जानकारी मिली कि साध्वी लक्ष्मी दास चंद्रकलां गांव में छिपी हुई है। जब पुलिस वहां पहुंची, तो उसने टॉयलेट जाने का बहाना बनाकर भागने की कोशिश की और पास की नदी पार कर गई। लेकिन पुलिस ने हार नहीं मानी और नाव से उसका पीछा करते हुए उसे चारों ओर से घेर लिया।


धोखाधड़ी का मामला क्या था?

क्या था मामला?


यह 90 लाख रुपये की धोखाधड़ी रामजानकी मंदिर, लोनीकलां से संबंधित है, जो मंदिर के दिवंगत महंत कनक बिहारी दास द्वारा दान की गई एक करोड़ रुपये की राशि का हिस्सा थी। यह रकम बिना नॉमिनी के बैंक से निकाल ली गई थी। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि साध्वी के साथ एक बैंक मैनेजर की संदिग्ध भूमिका भी रही है।


कोर्ट ने याचिका क्यों ठुकराई?

कोर्ट ने क्यों ठुकराई याचिका?


गिरफ्तारी से बचने के लिए साध्वी ने पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि उसने तथ्यों को छुपाकर कोर्ट को गुमराह किया है। सुप्रीम कोर्ट में भी साध्वी ने अपनी याचिका वापस ले ली। इसके बाद से वह फरार चल रही थी।


अब आगे क्या होगा?

अब आगे क्या होगा?


पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि आखिर 90 लाख रुपये कहां गए? इसके साथ ही मंदिर ट्रस्ट और बैंक अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी। इस मामले में कई परतें अभी खुलनी बाकी हैं, और पुलिस का मानना है कि यह केस और भी गंभीर रूप ले सकता है।