जी7 की बैठक में भारत पर टैरिफ लगाने की चर्चा: रूस के खिलाफ नए कदम
जी7 देशों की वित्त मंत्रियों की बैठक
Tariffs On India: जी7 देशों के वित्त मंत्रियों ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में रूस के खिलाफ नए प्रतिबंधों और व्यापारिक उपायों पर विचार किया। इस चर्चा में उन देशों पर टैरिफ लगाने का प्रस्ताव भी शामिल था, जिन्हें यूक्रेन युद्ध में रूस का अप्रत्यक्ष समर्थन देने वाला माना जा रहा है। बैठक का संचालन कनाडा के वित्त मंत्री फ्रांस्वा-फिलिप शैम्पेन ने किया, जो वर्तमान में जी7 की अध्यक्षता कर रहे हैं। उन्होंने सभी सहयोगी देशों से मिलकर रूस पर दबाव बनाए रखने और यूक्रेन की दीर्घकालिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
रूसी तेल पर प्रतिबंध
बैठक में रूसी तेल से होने वाली आय को रोकने पर विशेष ध्यान दिया गया। हाल ही में कनाडा, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने रूसी कच्चे तेल की मूल्य सीमा को 60 डॉलर प्रति बैरल से घटाकर 47.60 डॉलर कर दिया है। इस संदर्भ में मंत्रियों ने व्यापक प्रतिबंधों और उन देशों पर संभावित टैरिफ पर भी चर्चा की, जो रूस से सस्ता तेल खरीद रहे हैं।
अमेरिका का सख्त रुख
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने अन्य जी7 देशों से अनुरोध किया कि वे भी वाशिंगटन की तरह सख्त टैरिफ लगाएं। उनका कहना था, "केवल तभी हम पुतिन की युद्ध मशीन की आय को जड़ से काट पाएंगे और इस निरर्थक हिंसा को समाप्त कर पाएंगे, जब सभी मिलकर एकजुट होकर दबाव डालेंगे।"
भारत पर टैरिफ को लेकर ट्रंप का बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले आयात पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाकर कुल सीमा शुल्क को 50% कर दिया है। इसका उद्देश्य भारत को रूसी तेल खरीदने से रोकना बताया जा रहा है। हालांकि, ट्रंप ने स्वीकार किया कि यह कदम आसान नहीं है। उन्होंने कहा, "देखिए, भारत उनका सबसे बड़ा ग्राहक था। मैंने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया क्योंकि वे रूस से तेल खरीद रहे थे। यह आसान नहीं है और इससे भारत के साथ रिश्तों में दरार आती है।"
चीन पर नरमी
भारत पर सख्ती दिखाने के बावजूद अमेरिका ने चीन पर अभी टैरिफ नहीं बढ़ाया है क्योंकि वॉशिंगटन बीजिंग के साथ व्यापारिक संघर्षविराम को बनाए रखना चाहता है। वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट शुक्रवार को स्पेन की राजधानी मैड्रिड पहुंचेंगे, जहां वे चीन के उप-प्रधानमंत्री हे लीफेंग से व्यापार, टिकटॉक के अमेरिकी संचालन और वित्तीय निगरानी जैसे मुद्दों पर बातचीत करेंगे।