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जीएसटी सुधार से भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव

केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों में बदलाव की घोषणा की है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़ा सुधार होने की उम्मीद है। वित्त मंत्री ने बताया कि आम जनता के लिए उपयोग होने वाली 90 प्रतिशत वस्तुएं सस्ती होंगी। इस बदलाव के तहत, जीएसटी के चार स्लैब की जगह अब केवल दो स्लैब होंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इससे देश में लगभग 20 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त खपत होने की संभावना है। जानें इस बदलाव का अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा और कैसे यह आम लोगों के जीवन को प्रभावित करेगा।
 

केंद्र सरकार का जीएसटी में बदलाव


कहा, 1991 के बाद सबसे बड़ा आर्थिक बदलाव होने जा रहा


जीएसटी प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था। नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 4 सितंबर को जीएसटी दरों में बदलाव की घोषणा की। अब जीएसटी के चार स्लैब की जगह केवल दो स्लैब होंगे। वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि आम जनता के लिए उपयोग होने वाली 90 प्रतिशत वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। इस बीच, विपक्ष ने जीएसटी दरों में बदलाव को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार हमला किया है।


केंद्र सरकार ने अब निर्णय लिया है कि वह जीएसटी में बदलाव के बारे में पूरे देश में जागरूकता अभियान चलाएगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भाजपा मुख्यालय में जीएसटी सुधारों के कारण आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि 1991 के बाद का यह सबसे बड़ा आर्थिक सुधार है। जीएसटी की दरों में कमी से देश में लगभग 20 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त खपत होने की उम्मीद है। इसके साथ ही, आम लोगों को जीएसटी में बदलावों के बारे में जागरूक करने के लिए भाजपा ने एक देशव्यापी अभियान चलाने का निर्णय लिया है।


खपत का जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान

अश्विनी वैष्णव के अनुसार, देश का जीडीपी लगभग 330 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें 202 लाख करोड़ रुपये खपत का हिस्सा है। जीएसटी की दरों में कटौती के बाद वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें घटेंगी, जिससे उनकी खपत बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यदि खपत में 10 प्रतिशत की वृद्धि होती है, तो कुल 20 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त खपत होगी, जिससे न केवल जीडीपी में वृद्धि होगी, बल्कि उत्पादन, रोजगार और अन्य आर्थिक गतिविधियों में भी सुधार होगा।


अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जीएसटी सुधारों का अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे परिवारों को राहत मिलेगी और देश की आर्थिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने कहा कि पहले आयकर में छूट और अब जीएसटी सुधार के बाद मध्यवर्गीय परिवारों के बैंक बैलेंस और आमदनी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके परिणामस्वरूप, वे अधिक वस्तुएं खरीदेंगे या कहीं निवेश करेंगे। खपत, निवेश और बचत की ये तीनों गतिविधियां देश की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देंगी।