जीएसटी सुधारों से अर्थव्यवस्था में वृद्धि की उम्मीद: वित्त मंत्री
जीएसटी में सुधारों का प्रभाव
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को जानकारी दी कि हाल के माल एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों के परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था में लगभग दो लाख करोड़ रुपये का योगदान होगा, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में मांग में वृद्धि होगी।
सीतारमण ने एक कार्यक्रम में बताया कि नए जीएसटी सुधारों का उद्देश्य दरों में कमी, अनुपालन को सरल बनाना और अस्पष्टताओं को समाप्त करना है, जिससे पश्चिम बंगाल के गरीबों, मध्यम वर्ग, किसानों, एमएसएमई और विभिन्न उद्योगों को लाभ होगा।
उन्होंने कहा, 'दरों में कमी का निर्णय जीएसटी परिषद द्वारा इसलिए लिया गया क्योंकि सभी राज्यों ने सहयोग की भावना से एकजुट होकर काम किया। जीएसटी में कोई देने-लेने वाला मॉडल नहीं है; यदि राजस्व में कमी आती है, तो केंद्र भी उतना ही सहन करता है।'
जीएसटी परिषद की हालिया बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कर दरों को चार के बजाय केवल दो स्लैब में रखा जाएगा। अब केवल पांच और 18 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाएगा, जबकि विलासिता और हानिकारक उत्पादों पर 40 प्रतिशत की विशेष दर लागू की जाएगी।
नई कर दरें 22 सितंबर से प्रभावी होंगी, जो नवरात्रि के पहले दिन के साथ मेल खाती हैं।