जीएसटी सुधारों से भारतीय अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती: मुख्य आर्थिक सलाहकार
भारत की आर्थिक वृद्धि की दिशा
भारत जी20 का एकमात्र देश जिसने कोविड के बाद लगातार तेजी से आर्थिक विकास दर हासिल की
Business News Update: भारत हाल के वर्षों में विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है। यह जानकारी मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने एक कार्यक्रम में साझा की। उन्होंने कहा कि भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे में सुधार, छोटे और मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाने के लिए उठाए गए कदम, और व्यापार करने में आसानी के लिए किए गए प्रयासों ने एक सकारात्मक आर्थिक माहौल तैयार किया है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने यह भी बताया कि दिवाला संहिता, जीएसटी, रियल एस्टेट विनियमन अधिनियम, और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का पूंजीकरण जैसे संरचनात्मक सुधारों ने कोविड के बाद की स्थिति से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भारत का समान आर्थिक विकास
भारत ने पिछले चार साल से सामान आर्थिक विकास किया
कोविड के बाद भारत जी20 का एकमात्र ऐसा देश है जिसने 2021-22 से 2024-25 तक समान विकास दर बनाए रखी है। एआईएमए के एक कार्यक्रम में बोलते हुए, वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि जीएसटी सुधारों से अमेरिका द्वारा भारतीय माल पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि पर टैरिफ का प्रभाव 0.2-0.3 प्रतिशत रहने की संभावना है। जुलाई और अगस्त के आंकड़ों के आधार पर, दूसरी तिमाही के प्रारंभिक संकेत अच्छे रहने की उम्मीद है।
जीएसटी ढांचे में बदलाव
दो स्लैब वाले ढांचे में बदलाव बेहद अहम रहेगा
उन्होंने बताया कि जीएसटी में सुधार घरेलू मांग को बढ़ाने में मदद करेगा। जीएसटी परिषद ने हाल ही में कर व्यवस्था में बदलाव करते हुए चार स्लैबों को घटाकर दो स्लैबों में बदल दिया है।
22 सितंबर से लागू होने वाले इस बदलाव से साबुन, कार, शैंपू, ट्रैक्टर और एयर कंडीशनर जैसे लगभग 400 उत्पादों की कीमतें कम होंगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी सुधार घरेलू मांग को बढ़ाकर पूंजी निर्माण में आने वाली अनिश्चितताओं को दूर करेंगे।