टैक्स बचाने के लिए हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस का उपयोग कैसे करें
टैक्स बचत के लिए इंश्योरेंस का महत्व
जब टैक्स की बात आती है, तो अधिकांश लोगों को सिरदर्द होने लगता है। हर कोई ऐसी योजनाओं की तलाश में रहता है जो उन्हें टैक्स में छूट दिला सकें। यदि आप नहीं जानते हैं, तो जान लें कि इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से आपको टैक्स में छूट मिलती है। इसका मतलब है कि इंश्योरेंस से आपको सुरक्षा और बचत दोनों मिलती हैं। लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की कुछ धाराओं के तहत कटौती मिलती है। आइए जानते हैं कैसे।
इनकम टैक्स एक्ट की धाराएँ
इनकम टैक्स कानून की धाराएँ डिडक्शन्स को स्पष्ट करती हैं। इसका अर्थ है कि यदि आपने कुछ विशेष निवेश या खर्च किए हैं, तो आप उन्हें अपनी कुल आय से घटा सकते हैं। इससे आपकी टैक्सेबल इनकम कम हो जाती है, जिससे आपको कम टैक्स देना पड़ता है। आइए जानते हैं कि किस धारा के तहत आपको कौन सा लाभ मिलेगा।
- धारा 80C
- जीवन बीमा / टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम
- PPF, EPF, NSC, ELSS
- सुकन्या समृद्धि योजना, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम
- बच्चों की ट्यूशन फीस
- होम लोन का प्रिंसिपल रीपेमेंट (लिमिट: ₹1.5 लाख तक)
- धारा 80CCC
- पेंशन या एन्युटी प्लान
- लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के पेंशन प्रोडक्ट्स भी शामिल हैं।
- धारा 80CCD – नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
- एनपीएस में योगदान पर टैक्स छूट मिलती है और अतिरिक्त ₹50,000 तक की अलग से कटौती का लाभ भी शामिल है।
- धारा 80D – हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम
- यदि कोई व्यक्ति अपने, अपने जीवनसाथी, बच्चों या माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम भरता है तो उसे टैक्स छूट मिलती है। (लिमिट: सामान्य – ₹25,000, वरिष्ठ नागरिक – ₹50,000 तक)
टैक्स बेनेफिट्स का उपयोग कैसे करें
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम और मेडिकल खर्चों पर आप टैक्स बेनेफिट पा सकते हैं। ये खर्च खुद पर, परिवार पर और माता-पिता पर किया होना चाहिए।
- हेल्थ इंश्योरेंस लेने से एक साल में आप ज़्यादा से ज़्यादा ₹25,000 तक कटौती ले सकते हैं।
- अगर आपके माता-पिता सीनियर सिटिज़न हैं तो ये रकम ₹25,000 से बढ़कर ₹50,000 तक हो जाती है।
- अगर आप प्रिवेंटिव हेल्थ चेक-अप करते हैं तो उस पर ₹5,000 तक की कटौती उपलब्ध है।
- हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का पेमेंट कैश में नहीं होना चाहिए।
सेक्शन 80C आपको एक साल में कुल ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट देता है। यह छूट केवल टर्म इंश्योरेंस पर नहीं है, बल्कि इसमें और भी कई तरह के निवेश और खर्चे आते हैं।
- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
- कर्मचारी प्रोविडेंट फंड (EPF)
- इक्विटी-लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स (ELSS)
- नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)
- 5 साल की टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट।
स्मार्ट टैक्स प्लानिंग के लिए बीमा का उपयोग
कई लोग सिर्फ टैक्स बचाने के लिए बीमा लेते हैं, लेकिन अगर थोड़ी प्लानिंग के साथ हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस चुना जाए तो इसका फायदा दोगुना हो सकता है।
इंश्योरेंस लेना सिर्फ टैक्स बचत नहीं बल्कि फाइनेंशियल सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता है, जो आपके और आपके परिवार के लिए ज़रूरी है।