डैनी डेनजोंगपा: फिल्मी सितारे से सफल व्यवसायी तक का सफर
डैनी डेनजोंगपा का व्यवसायिक सफर
1970 और 80 के दशक में अपने प्रभावशाली विलेन किरदारों के लिए जाने जाने वाले डैनी डेनजोंगपा ने न केवल अभिनय में बल्कि व्यवसाय में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है। युक्सम ब्रुअरीज की स्थापना से लेकर इसे देश की प्रमुख बीयर कंपनियों में शामिल करने तक, डैनी ने अपने जुनून और दूरदर्शिता से सिक्किम की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं।
1987 में, डैनी ने अपने गृहनगर युक्सम में एक ब्रुअरी की स्थापना की, जिसका मुख्य उद्देश्य स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करना और गांव को वैश्विक पहचान दिलाना था। धीरे-धीरे, उनकी कंपनी ने सफलता प्राप्त की और 2005 में ओडिशा में डेनजोंग ब्रुअरीज खोली। 2009 में, असम की राइनो एजेंसियों का अधिग्रहण करके, उन्होंने उत्तर-पूर्व में यूनाइटेड ब्रुअरीज की बढ़त को चुनौती दी। आज, युक्सम ब्रुअरीज लगभग 68 लाख लीटर बीयर का वार्षिक उत्पादन करती है और इसके 11 ब्रांड बाजार में लोकप्रिय हैं।
सस्ती कीमत और गुणवत्ता
युक्सम की सफलता का एक प्रमुख कारण इसकी सस्ती कीमत और उच्च गुणवत्ता है। उदाहरण के लिए, ओडिशा में युक्सम बीयर की एक बोतल केवल 105 रुपये में उपलब्ध है, जो उपभोक्ताओं को बेहतर मूल्य और विश्वसनीय उत्पाद प्रदान करती है। कंपनी सिक्किम की अर्थव्यवस्था में लगभग 100 करोड़ रुपये का वार्षिक योगदान देती है और 250 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करती है। अनुमानित टर्नओवर 500 से 700 करोड़ रुपये के बीच है।
फिल्मी करियर से व्यवसाय की ओर
डैनी डेनजोंगपा ने 1971 में बॉलीवुड में कदम रखा और 190 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने 'अग्निपथ', 'खुदा गवाह' और 'हम' जैसी फिल्मों में विलेन के किरदार से दर्शकों का दिल जीता। इसके अलावा, उन्होंने 1980 में हॉरर फिल्म 'फिर वही रात' का निर्देशन भी किया और कभी-कभी प्लेबैक सिंगिंग भी की। 2003 में, उन्हें कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
उत्तर-पूर्व में बाजार पर पकड़
2009 में असम की राइनो एजेंसी का अधिग्रहण डैनी का एक साहसी कदम था, जिसने उन्हें उत्तर-पूर्व के बीयर मार्केट में अग्रणी बना दिया और विजय माल्या की यूनाइटेड ब्रुअरीज पर दबाव डाला। यह कदम दर्शाता है कि डैनी केवल फिल्मों में ही नहीं, बल्कि व्यवसाय की दुनिया में भी कुशल हैं।