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डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ हमला: 21 देशों पर भारी शुल्क का ऐलान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में 21 देशों पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिसमें ब्राजील पर सबसे अधिक 50 प्रतिशत शुल्क शामिल है। ट्रंप का यह कदम उन देशों के खिलाफ है जिन्होंने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के लिए कोई पहल नहीं की। इसके अलावा, ट्रंप ने रूस पर नियंत्रण पाने के लिए भारत को एक मोहरे के रूप में इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। जानें इस टैरिफ हमले के पीछे की वजह और रूस पर प्रतिबंध विधेयक के बारे में।
 

ट्रंप का टैरिफ बम

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में वैश्विक स्तर पर अपने टैरिफ बम का इस्तेमाल करते हुए 21 देशों पर भारी शुल्क लगाने की घोषणा की है। केवल तीन दिनों में, जापान, कोरिया और अन्य 14 देशों को टैरिफ संबंधी पत्र भेजे गए। इसके बाद, 9 जुलाई को 7 और देशों की सूची जारी की गई, जिसमें ब्रिक्स के सदस्य ब्राजील पर सबसे अधिक 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया।


ट्रंप उन देशों पर दबाव बना रहे हैं, जिन्होंने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। अब, रूस पर नियंत्रण पाने के लिए, ट्रंप भारत को एक मोहरे के रूप में इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं।


रूस पर प्रतिबंध विधेयक

डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर यूक्रेन में चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए दबाव डालने के लिए एक प्रतिबंध विधेयक का समर्थन करने का संकेत दिया है। प्रस्तावित 'रूस प्रतिबंध अधिनियम 2025' में भारत और चीन जैसे देशों से आयात पर 500% टैरिफ लगाने का विवादास्पद प्रावधान शामिल है, जो रूसी ऊर्जा उत्पादों की खरीद जारी रखते हैं।


ट्रंप ने कैबिनेट बैठक में कहा कि यह पूरी तरह से उनके विकल्प पर निर्भर है और वे इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।


यह विधेयक इस साल अप्रैल में ट्रंप के करीबी सहयोगी सीनेटर लिंडसे ग्राहम द्वारा पेश किया गया था, जिसमें कहा गया है कि यदि कोई रूस से तेल, गैस या अन्य ऊर्जा उत्पाद खरीदता है, तो उस पर कड़ी पेनाल्टी लगाई जाएगी। ट्रंप ने पुतिन के प्रति बढ़ती निराशा व्यक्त की है और हाल ही में अमेरिकी रक्षा विभाग को यूक्रेन को और अधिक रक्षा उपकरण भेजने का निर्देश दिया है।