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डोनाल्ड ट्रंप का नया यात्रा प्रतिबंध: 30 से अधिक देशों पर लागू हुआ सख्त नियम

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने 30 से अधिक देशों के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। यह कदम हाल की सुरक्षा घटनाओं के बाद उठाया गया है, जिसमें दो नेशनल गार्ड सैनिकों की गोलीबारी शामिल है। नए आदेश में पहले से घोषित प्रतिबंधों के साथ-साथ नए देशों को भी शामिल किया गया है। जानें कौन से देश प्रभावित हुए हैं और सरकार ने इसके पीछे क्या कारण बताए हैं।
 

नई दिल्ली में यात्रा प्रतिबंध का ऐलान


नई दिल्ली: डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अपनी इमिग्रेशन नीति को और अधिक सख्त करते हुए 30 से ज्यादा देशों के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने का दायरा बढ़ा दिया है। यह निर्णय थैंक्सगिविंग वीकेंड के दौरान दो नेशनल गार्ड सैनिकों की गोलीबारी की घटना और एक अफगान नागरिक की गिरफ्तारी के बाद लिया गया है। प्रशासन का कहना है कि यह कदम अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और इमिग्रेशन प्रणाली को मजबूत करने के लिए आवश्यक है।


पहले से लागू प्रतिबंध

इस वर्ष जून में, राष्ट्रपति ट्रंप ने 12 देशों के नागरिकों पर अमेरिका में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध और सात अन्य देशों पर आंशिक पाबंदियों की घोषणा की थी। अब नए आदेश के तहत इस सूची को और विस्तारित किया गया है। प्रशासन का दावा है कि यह निर्णय हालिया सुरक्षा समीक्षा और डेटा विश्लेषण के आधार पर लिया गया है।


सरकार के द्वारा बताए गए कारण

व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि जिन देशों पर प्रतिबंध लगाया गया है, वहां व्यापक भ्रष्टाचार, अविश्वसनीय या फर्जी नागरिक दस्तावेज और आपराधिक रिकॉर्ड की समस्या है। इन कारणों से अमेरिका के लिए यात्रियों की सही जांच करना कठिन हो जाता है।


इसके अतिरिक्त, कुछ देशों के नागरिक वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी अमेरिका में रुक जाते हैं या उनके देश अमेरिकी डिपोर्टेशन प्रक्रिया में सहयोग नहीं करते। कुछ स्थानों पर राजनीतिक अस्थिरता और सरकारी नियंत्रण की कमी भी एक महत्वपूर्ण कारण बताई गई है।


कौन से देश पूरी तरह प्रतिबंधित हैं?

पहले से घोषित 12 उच्च जोखिम वाले देशों पर पूर्ण प्रतिबंध जारी रहेगा। इनमें अफगानिस्तान, बर्मा, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन शामिल हैं।


नई सूची में शामिल देश

नए विश्लेषण के आधार पर, पांच और देशों - बुर्किना फासो, माली, नाइजर, दक्षिण सूडान और सीरिया - पर भी पूरी पाबंदी और एंट्री लिमिट लागू की गई है। इसके साथ ही, फिलिस्तीनी अथॉरिटी द्वारा जारी यात्रा दस्तावेज रखने वाले लोगों पर भी रोक लगाई जाएगी।


आंशिक से पूरी पाबंदी में बदले देश

लाओस और सिएरा लियोन, जिन पर पहले आंशिक प्रतिबंध थे, अब पूरी तरह बैन की श्रेणी में आ गए हैं। प्रशासन का कहना है कि इन देशों से जुड़े सुरक्षा और इमिग्रेशन जोखिम बढ़ गए हैं।


आंशिक पाबंदी वाले देश

बुरुंडी, क्यूबा, टोगो और वेनेजुएला जैसे देशों पर पहले से आंशिक पाबंदियां जारी रहेंगी। इसके अलावा, 15 नए देशों - अंगोला, एंटीगुआ और बारबुडा, बेनिन, कोटे डी आइवर, डोमिनिका, गैबॉन, गाम्बिया, मलावी, मॉरिटानिया, नाइजीरिया, सेनेगल, तंजानिया, टोंगा, जाम्बिया और जिम्बाब्वे - को भी आंशिक प्रतिबंधों की सूची में जोड़ा गया है।


कुछ राहत और छूट भी शामिल

नए आदेश में कानूनी स्थायी निवासियों, मौजूदा वीजा धारकों, राजनयिकों और अंतरराष्ट्रीय एथलीटों जैसी श्रेणियों को छूट दी गई है। इसके अलावा, ऐसे मामलों में केस-दर-केस आधार पर एंट्री की अनुमति दी जा सकती है, जहां यह अमेरिकी राष्ट्रीय हित में हो।


इमिग्रेशन नीति का सख्त संदेश

कुल मिलाकर, यह निर्णय ट्रंप प्रशासन के सख्त इमिग्रेशन एजेंडे को दर्शाता है। सरकार का कहना है कि इन प्रतिबंधों का उद्देश्य किसी विशेष देश या समुदाय को निशाना बनाना नहीं, बल्कि अमेरिका की सुरक्षा और इमिग्रेशन व्यवस्था को मजबूत करना है।