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दिल्ली-अम्बाला रेलवे कॉरिडोर का फोर लेन निर्माण: पानीपत स्टेशन का होगा नया रूप

दिल्ली-अम्बाला रेलवे कॉरिडोर का फोर लेन निर्माण पानीपत स्टेशन के कायाकल्प का कारण बनेगा। इस परियोजना के तहत स्टेशन को नए सिरे से विकसित किया जाएगा, जिसमें प्लेटफॉर्म नंबर 1 और 2 का निर्माण शामिल है। इसके अलावा, समालखा, भोड़वाल माजरी, दीवाना और बाबरपुर स्टेशनों का भी विकास होगा। जानें इस महत्वाकांक्षी योजना के बारे में और कैसे यह यात्री सुविधाओं को बढ़ाएगी।
 

दिल्ली-अम्बाला रेलवे कॉरिडोर का विस्तार

दिल्ली-अम्बाला रेलवे कॉरिडोर, पानीपत। दिल्ली-अम्बाला रेलवे मार्ग को फोर लेन में परिवर्तित किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत पानीपत के मौजूदा स्टेशन को ध्वस्त कर प्लेटफॉर्म नंबर 1 और 2 का निर्माण किया जाएगा। वर्तमान में प्लेटफॉर्म नंबर 1 और 2 को तीन और चार में परिवर्तित किया जाएगा। पूरे स्टेशन को नए सिरे से विकसित किया जाएगा, जिसके लिए लगभग 300 करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना है।


इस कॉरिडोर के विकास के तहत पानीपत स्टेशन के अलावा जिले के समालखा, भोड़वाल माजरी, दीवाना और बाबरपुर स्टेशनों का भी विकास किया जाएगा। इस परियोजना के लिए पानीपत जिले के 15 गांवों की 11 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसमें समालखा के 8 और पानीपत के 7 गांव शामिल हैं। नए प्लेटफॉर्म नंबर 1 और 2 के निर्माण के लिए मौजूदा स्टेशन को ध्वस्त किया जाएगा, और रूट के सभी पांच स्टेशनों का पुनर्निर्माण किया जाएगा।


पानीपत स्टेशन का कायाकल्प


• वर्तमान में 55 ट्रेनों का ठहराव है, जबकि नए ट्रैक के निर्माण के बाद 100 से अधिक ट्रेनों का ठहराव होगा।


• पानीपत स्टेशन से रोजाना 22,000 से अधिक यात्री यात्रा करते हैं, और 5 वर्षों में यह संख्या लगभग 40,000 होने की उम्मीद है।


• नए ट्रैक के लिए 15 गांवों की 11 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसमें 8 गांव समालखा और 7 पानीपत के होंगे, जहां प्लेटफॉर्म नंबर 1 और 2 का निर्माण होगा।


सिग्नल भवन का निर्माण रोका गया


फोर लेन कॉरिडोर परियोजना को मंजूरी मिलने के बाद ठेकेदार को सिग्नल भवन के निर्माण से रोक दिया गया है। यह तीन मंजिला भवन 98 लाख रुपये की लागत से बनाया जा रहा था, लेकिन अब इसे ध्वस्त किया जाएगा।


बिशन स्वरूप कॉलोनी की सड़क पर रोक


असंध रोड पुल के नीचे से बिशन स्वरूप कॉलोनी के पीछे रेलवे लाइन के किनारे सड़क का निर्माण अब नहीं होगा। 28 अगस्त को डीसी ने सड़क बनाने का निर्देश दिया था, लेकिन रेलवे ने स्पष्ट रूप से मना कर दिया है, क्योंकि अब फोर लेन ट्रैक का विस्तार होना है।


10 अंडरपास के डिजाइन में बदलाव


समालखा से बाबरपुर स्टेशन तक 10 रेलवे अंडरपास का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से कुछ बन चुके हैं। इन पर राज्य सरकार ने लगभग 50 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। ये अंडरपास दो लाइनों के अनुसार बनाए गए थे, इसलिए अब सभी के डिजाइन में बदलाव करना होगा।