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नए साल पर डिलीवरी सेवाओं में बाधा: गिग वर्कर्स की हड़ताल का असर

नए साल के जश्न से पहले, गिग वर्कर्स की राष्ट्रव्यापी हड़ताल ने डिलीवरी सेवाओं को प्रभावित करने की संभावना बढ़ा दी है। स्विगी, जोमैटो और अन्य प्लेटफॉर्म के डिलीवरी वर्कर्स ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल का ऐलान किया है, जिससे बड़े शहरों में डिलीवरी सेवाएं बाधित हो सकती हैं। जानें इस हड़ताल के पीछे के कारण और वर्कर्स की प्रमुख मांगें।
 

नए साल का जश्न और डिलीवरी सेवाओं की हड़ताल


नई दिल्ली: जैसे-जैसे नए साल की उलटी गिनती शुरू हो रही है, लोग 2026 का स्वागत करने के लिए तैयार हो रहे हैं। लेकिन न्यू ईयर ईव से पहले, ऑनलाइन खाना मंगाने और शॉपिंग करने वाले लोगों के लिए एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है।


स्विगी, जोमैटो, अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के डिलीवरी वर्कर्स ने एक राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। इस हड़ताल का प्रभाव न्यू ईयर पर डिलीवरी सेवाओं पर पड़ सकता है, जिससे फूड डिलीवरी और ऑनलाइन ऑर्डर प्रभावित होने की संभावना है।


हड़ताल का प्रभाव किन शहरों में होगा?

तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन और इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स के नेतृत्व में यह हड़ताल की जा रही है। इसका असर दिल्ली, मुंबई, पुणे, कोलकाता और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इसके अलावा, लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, इंदौर और पटना जैसे टियर-2 शहरों में भी डिलीवरी सेवाएं बाधित हो सकती हैं।


डिलीवरी वर्कर्स की संख्या और हड़ताल का कारण

महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली-एनसीआर, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु की क्षेत्रीय यूनियनों ने भी इस हड़ताल में भाग लिया है। यूनियनों का कहना है कि देशभर में 1 लाख से अधिक डिलीवरी वर्कर्स या तो ऐप पर लॉग-इन नहीं करेंगे या फिर सीमित समय के लिए ही सक्रिय रहेंगे।


इससे पहले क्रिसमस पर भी गिग वर्कर्स ने हड़ताल की थी। यूनियनों का कहना है कि उनकी कार्य स्थितियों में सुधार नहीं हो रहा है, न ही उन्हें उचित वेतन मिलता है और न ही सुरक्षा की गारंटी।


10 मिनट डिलीवरी मॉडल पर सवाल

यूनियन का आरोप है कि 10 मिनट डिलीवरी मॉडल के कारण गिग वर्कर्स को सड़क हादसों का सामना करना पड़ता है। धूप, गर्मी, ठंड और बारिश में काम करने के बावजूद उन्हें बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलतीं।


गिग वर्कर्स की प्रमुख मांगें

वर्कर्स ने 9 प्रमुख मांगें रखी हैं:



  • फेयर और ट्रांसपेरेंट वेतन स्ट्रक्चर लागू किया जाए।


  • 10 मिनट डिलीवरी मॉडल को तुरंत बंद किया जाए।


  • बिना प्रक्रिया के आईडी ब्लॉक और पेनल्टी पर रोक लगे।


  • सुरक्षा के लिए जरूरी गियर और उपाय मुहैया कराए जाएं।


  • एल्गोरिदम के आधार पर भेदभाव न हो, सभी को बराबर काम मिले।


  • प्लेटफॉर्म और कस्टमर्स से सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित हो।


  • तय समय से ज्यादा काम न कराया जाए और ब्रेक मिले।


  • ऐप और तकनीकी सपोर्ट मजबूत किया जाए, खासकर पेमेंट और रूटिंग के लिए।


  • स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना कवर और पेंशन जैसी सामाजिक सुरक्षा दी जाए।



गिग वर्कर्स की पहचान

डिलीवरी वर्कर्स को गिग वर्कर्स के रूप में जाना जाता है। ये ऐसे कर्मचारी होते हैं जो काम के बदले भुगतान प्राप्त करते हैं। आईटी से लेकर ई-कॉमर्स तक, गिग वर्कर्स की भूमिका महत्वपूर्ण है, लेकिन उन्हें उचित वेतन और सुरक्षा लाभ नहीं मिलते।