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पीएम-कुसुम योजना की समयसीमा में संभावित विस्तार, लक्ष्य अधूरा

सरकार पीएम-कुसुम योजना की समयसीमा को बढ़ाने की संभावना पर विचार कर रही है, क्योंकि इसके दो प्रमुख घटक अपने लक्ष्यों को पूरा करने में असफल रहे हैं। योजना का उद्देश्य 2022 तक 30,800 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता जोड़ना था, लेकिन अब इसे मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है। जानें इस योजना के घटकों की वर्तमान स्थिति और उनके द्वारा हासिल की गई प्रगति के बारे में।
 

पीएम-कुसुम योजना का विस्तार

सरकार एक बार फिर पीएम-कुसुम योजना की समयसीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है, क्योंकि इस योजना के दो महत्वपूर्ण घटक अपने निर्धारित लक्ष्यों का 50 प्रतिशत भी पूरा नहीं कर पाए हैं। यह जानकारी आधिकारिक स्रोतों से मिली है। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना को 2019 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य 2022 तक 30,800 मेगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता जोड़ना था।


योजना की वित्तीय सहायता

इस योजना में कार्यान्वयन एजेंसियों के लिए सेवा शुल्क सहित कुल 34,422 करोड़ रुपये की केंद्रीय वित्तीय सहायता शामिल है। केंद्र ने इस योजना की समयसीमा को मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है, क्योंकि वैश्विक महामारी के कारण इसके कार्यान्वयन में बाधाएं आई थीं। इसके लक्ष्य को भी संशोधित कर 34,800 मेगावाट कर दिया गया है।


लक्ष्यों की प्राप्ति

एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार, पीएम-कुसुम योजना के किसी भी घटक ने 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल नहीं किया है। हालांकि, घटक ‘ख’ (जो मार्च 2026 में समाप्त होगा) ने 9 सितंबर तक 71 प्रतिशत लक्ष्य पूरा किया है। घटक ‘क’ ने केवल 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जबकि घटक ‘ग’ - व्यक्तिगत पंप का सौरीकरण (आईपीएस) और घटक ‘ग’ - फीडर स्तरीय सौरीकरण (एफएलएस) ने क्रमशः 16.5 प्रतिशत और 25.5 प्रतिशत की वृद्धि की है।


घटक विवरण

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के अनुसार, घटक ‘क’ छोटे सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना से 10,000 मेगावाट सौर क्षमता जोड़ने से संबंधित है। घटक ‘ख’ 14 लाख ऑफ-ग्रिड एकल सौर ऊर्जा चालित कृषि पंपों की स्थापना और घटक ‘ग’ 35 लाख ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों के सौरीकरण से जुड़ा है। घटक ‘क’ के तहत 650.49 मेगावाट क्षमता स्थापित की गई है, जबकि घटक ‘ख’ के तहत 12.72 लाख से अधिक ऑफ-ग्रिड सौर पंप स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 9.03 लाख स्थापित किए जा चुके हैं।