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पेटीएम का नया गोल्ड कॉइन्स प्रोग्राम: वित्तीय समृद्धि की ओर एक कदम

पेटीएम ने अपने नए गोल्ड कॉइन्स प्रोग्राम के माध्यम से ग्राहकों को डिजिटल गोल्ड अर्जित करने का अवसर प्रदान किया है। यह पहल न केवल लेन-देन को प्रोत्साहित करती है, बल्कि ग्राहकों को वित्तीय अनुशासन और दीर्घकालिक निवेश की आदत भी सिखाती है। जानें कैसे पेटीएम अपने आप को एक साधारण भुगतान ऐप से धन निर्माण के साथी के रूप में स्थापित कर रहा है।
 

पेटीएम की नई दिशा

भारत की प्रमुख डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम ने अपने Q2 FY26 परिणामों के साथ ग्राहकों के लिए एक नई दिशा निर्धारित की है। कंपनी अब अपने उपयोगकर्ताओं को केवल लेन-देन का प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि धन निर्माण का साथी बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। सीईओ विजय शेखर शर्मा ने बताया कि पेटीएम का उद्देश्य ग्राहकों की वफादारी को बढ़ाना और डिजिटल गोल्ड के माध्यम से उन्हें दीर्घकालिक वित्तीय मूल्य प्रदान करना है।


गोल्ड कॉइन्स से धन निर्माण का मार्ग

पेटीएम का नया 'गोल्ड कॉइन्स' कार्यक्रम ग्राहकों को हर लेन-देन पर डिजिटल गोल्ड अर्जित करने का अवसर प्रदान करता है। चाहे वह UPI हो, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग, हर लेन-देन पर गोल्ड रिवॉर्ड मिल सकता है। विशेष रूप से, UPI के माध्यम से किए गए क्रेडिट कार्ड और रूपे कार्ड भुगतान पर डबल रिवॉर्ड दिए जा रहे हैं। ग्राहक इन गोल्ड कॉइन्स को पेटीएम डिजिटल गोल्ड में परिवर्तित कर अपनी बचत को समय के साथ बढ़ा सकते हैं।


गुणवत्ता और वफादार उपयोगकर्ताओं पर ध्यान

विजय शेखर शर्मा ने कहा, “हम अपनी गुणवत्ता और वफादार ग्राहक आधार को अत्यधिक महत्व देते हैं।” उनके अनुसार, गोल्ड कॉइन्स कार्यक्रम एक ऐसा उत्पाद है जिसे लोग पसंद करेंगे क्योंकि यह केवल रिवॉर्ड नहीं, बल्कि दीर्घकालिक मूल्य भी प्रदान करता है। जिन लोगों ने म्यूचुअल फंड जैसे निवेश नहीं किए हैं, उनके लिए डिजिटल गोल्ड अब सबसे विश्वसनीय विकल्प बनकर उभरा है।


आर्थिक परिणामों में उत्कृष्टता

पेटीएम ने सितंबर तिमाही में शानदार परिणाम प्रस्तुत किए। कंपनी का ऑपरेटिंग राजस्व 24% बढ़कर ₹2,061 करोड़ तक पहुंच गया। लगातार दूसरी बार, कंपनी ने 211 करोड़ रुपये का टैक्स के बाद मुनाफा (PAT) दर्ज किया, जो पिछले तिमाही से 71% अधिक है। यह वृद्धि मुख्य रूप से एआई-आधारित दक्षता और बढ़ते सब्सक्रिप्शन-पेइंग मर्चेंट्स से आई है।


डिजिटल भुगतान से वित्तीय अनुशासन तक

पेटीएम का कहना है कि 'गोल्ड कॉइन्स' के माध्यम से वह नियमित डिजिटल भुगतान को बचत और निवेश की आदत से जोड़ना चाहता है। इससे न केवल ग्राहकों की वित्तीय अनुशासन बढ़ेगी, बल्कि वे धीरे-धीरे गोल्ड जैसे विश्वसनीय संपत्ति में निवेश करना भी सीखेंगे। इस पहल के माध्यम से, पेटीएम अपने आप को एक साधारण भुगतान ऐप नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के “धन साथी” के रूप में स्थापित कर रहा है।


वित्तीय सेवाओं में अगला कदम

कंपनी का मानना है कि गोल्ड कॉइन्स जैसी पहलों से भारतीय फिनटेक क्षेत्र में निवेश की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। पेटीएम आने वाले महीनों में इस कार्यक्रम का विस्तार करने की योजना बना रही है ताकि अधिक से अधिक उपयोगकर्ता इसका लाभ उठा सकें। इसका उद्देश्य भारत में डिजिटल लेन-देन को धन निर्माण से सीधे जोड़ना है।