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पेट्रोल और डीजल की कीमतों में स्थिरता, जानें ताजा रेट्स

भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, जबकि कुछ राज्यों में मामूली बदलाव देखने को मिला है। जानें विभिन्न शहरों में ईंधन की कीमतें और इसके पीछे के कारण। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले हफ्तों में कीमतों में हल्का उतार-चढ़ाव संभव है, लेकिन 90 डॉलर प्रति बैरल से नीचे रहने पर खुदरा दरों पर बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
 

पेट्रोल और डीजल की नई कीमतें


पेट्रोल और डीजल की कीमतें: देश की तेल विपणन कंपनियों ने शनिवार को पेट्रोल और डीजल के नए मूल्य जारी किए हैं। अधिकांश शहरों में ईंधन की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं, जबकि कुछ राज्यों में मामूली बदलाव देखने को मिला है।


शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें (रुपये प्रति लीटर)

शहरों में ईंधन की कीमतें


शहर पेट्रोल (₹) डीजल (₹)
नई दिल्ली 94.77 87.67
कोलकाता 105.41 92.02
मुंबई 103.50 90.03
चेन्नई 100.90 92.49
बेंगलुरु 102.92 90.99
चंडीगढ़ 94.30 82.45
हैदराबाद 107.46 95.70
जयपुर 104.72 90.21
लखनऊ 94.69 87.81
तिरुवनंतपुरम 107.48 96.48


कीमतों में स्थिरता के कारण

भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें रोजाना तेल विपणन कंपनियों द्वारा अपडेट की जाती हैं। इन पर वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें, रुपये और डॉलर के बीच विनिमय दर, और केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए करों का बड़ा प्रभाव पड़ता है। हालाँकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया है, लेकिन घरेलू स्तर पर सरकार की कर नीति और स्थिरता के कारण खुदरा दरों में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है।


LPG की कीमतों का हाल

घरेलू एलपीजी सिलेंडर (14.2 किग्रा) की औसत कीमत देशभर में ₹852.50 पर स्थिर है। हाल के महीनों में इसमें कोई बदलाव नहीं आया है। अप्रैल 2025 में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि के बाद से कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। पिछले एक साल में एलपीजी की कीमतों में धीरे-धीरे वृद्धि हुई थी, लेकिन वर्तमान में उपभोक्ताओं को राहत मिली है।


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें 82-86 डॉलर प्रति बैरल के बीच हैं। पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में उतार-चढ़ाव और वैश्विक मांग में अनिश्चितता जैसे कारक तेल की कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं।


विशेषज्ञों की राय

ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले हफ्तों में तेल की कीमतों में थोड़ी उतार-चढ़ाव संभव है। लेकिन जब तक कच्चे तेल की कीमत 90 डॉलर प्रति बैरल से नीचे रहती है, तब तक भारत में खुदरा दरों पर बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।