प्रधानमंत्री मोदी का मालदीव दौरा: संबंधों में नई शुरुआत
प्रधानमंत्री मोदी का मालदीव दौरा
प्रधानमंत्री मोदी का मालदीव दौरा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिवसीय यात्रा पर मालदीव का दौरा किया, जहां उन्हें देश की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। यह यात्रा भारत और मालदीव के बीच संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण मानी जा रही है, खासकर जब हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच कुछ तनाव उत्पन्न हुआ है।
मीडिया में स्वागत
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, माले में प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत हुआ। उन्होंने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साथ व्यापार, रक्षा और समुद्री सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय निवेश समझौते को शीघ्र अंतिम रूप देने और मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने पर सहमति व्यक्त की।
मालदीव के लिए आर्थिक सहायता
मालदीव में बुनियादी ढांचे का विकास: प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये की ऋण सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने कहा, "इस राशि का उपयोग मालदीव में बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित परियोजनाओं के लिए किया जाएगा, जो देश की जनता की प्राथमिकताओं के अनुरूप होगा।"
पीएम मोदी का संदेश
पीएम मोदी का बयान: अपने बयान में पीएम मोदी ने कहा, "हमारे संबंधों की जड़ें इतिहास से भी पुरानी हैं और सागर जितनी गहरी हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि भारत-मालदीव मित्रता हमेशा "उज्ज्वल और स्पष्ट" रहेगी।
महत्वपूर्ण मुलाकातें
प्रमुख हस्तियों से मुलाकात: दौरे के अंतिम दिन, पीएम मोदी ने मालदीव की प्रमुख हस्तियों से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने ITEC यानी Indian Technical and Economic Cooperation के पूर्व छात्रों और भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत की। शाम 4:30 बजे वे मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल हुए और फिर शाम 6:15 बजे भारत के लिए रवाना हो गए।
भारत-मालदीव संबंधों में तनाव
भारत और मालदीव के संबंधों में तनाव: यह दौरा विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहा क्योंकि नवंबर 2023 में मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद भारत और मालदीव के संबंधों में तनाव देखा गया था। लेकिन इस उच्च स्तरीय संवाद और सहयोग के संकेतों से यह स्पष्ट है कि दोनों देश अपने संबंधों को फिर से मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।