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बांग्लादेश में भारतीय वीजा सेवाओं का निलंबन: हिंसा के बाद उठाया गया कदम

बांग्लादेश ने हाल ही में भारतीय नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं निलंबित कर दी हैं, जो भारत द्वारा बांग्लादेश में वीजा सेवाओं को रोकने के जवाब में है। यह कदम युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद भड़के प्रदर्शनों के चलते उठाया गया। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और बांग्लादेश में हालात कैसे बिगड़े।
 

बांग्लादेश ने भारतीय वीजा सेवाएं निलंबित कीं


भारत के वीजा सेवाओं के निलंबन का प्रतिक्रिया
बांग्लादेश के उच्चायोग ने दिल्ली में भारतीय नागरिकों के लिए वीजा और कांसुलर सेवाएं निलंबित कर दी हैं। यह निर्णय भारत द्वारा बांग्लादेश में वीजा सेवाओं को रोकने के जवाब में लिया गया है। हाल ही में युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन हुए थे, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।


भारत ने चटगांव में वीजा सेवाएं रोकीं

रविवार को भारत ने बांग्लादेश के चटगांव में भारतीय वीजा एप्लिकेशन सेंटर में सेवाएं अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दी थीं। इसके अलावा, खुलना, राजशाही और चट्टोग्राम में भी वीजा सेवाएं रोक दी गई थीं। चटगांव में प्रदर्शनकारियों पर वीजा कार्यालय पर पथराव करने का आरोप लगा था।


हादी की हत्या के बाद का माहौल

बांग्लादेश के इस निर्णय को भारत के वीजा सेवाओं के निलंबन का प्रतिक्रिया माना जा रहा है। हालांकि, बांग्लादेश जाने वाले भारतीयों की संख्या बहुत कम होती है, ज्यादातर पत्रकार और व्यापारी ही यात्रा करते हैं। भारत ने हादी की हत्या के बाद भड़के प्रदर्शनों को देखते हुए यह कदम उठाया।


हादी की हत्या का विवरण

12 दिसंबर को ढाका के बिजॉयनगर क्षेत्र में एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान नकाबपोश हमलावरों ने हादी को गोली मारी। गंभीर स्थिति में उन्हें सिंगापुर ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई। हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाएं बढ़ गईं।


भारत विरोधी नारे और घटनाएं

हादी के जनाजे के दौरान भीड़ ने भारत विरोधी नारे लगाए। इसी बीच, खुलना में नेशनल सिटीजन पार्टी के कार्यकर्ता मोतलेब शिकदर को गोली मारी गई। यह पार्टी छात्र नेता नाहिद इस्लाम की है, जो शेख हसीना विरोधी आंदोलन का प्रमुख चेहरा माने जाते हैं।


बांग्लादेश के आरोप

बांग्लादेश के विदेश सलाहकार तौहीद हुसैन ने बताया कि दिल्ली में बांग्लादेशी उच्चायुक्त को जान से मारने की धमकी मिली थी। शनिवार को दिल्ली स्थित बांग्लादेशी मिशन के बाहर 20 से 25 लोगों ने प्रदर्शन किया। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों को खारिज कर दिया।