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भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की वार्ता में तेजी आ रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने संकेत दिया है कि वे भारत पर टैरिफ में कमी की घोषणा कर सकते हैं। भारत ने रूस से कच्चे तेल के आयात में कमी की है, जिससे व्यापार समझौते की दिशा में सकारात्मक प्रगति हो रही है। जानें इस महत्वपूर्ण वार्ता के बारे में और क्या हैं अमेरिका की शर्तें।
 

भारत और अमेरिका के बीच वार्ता में सकारात्मकता


भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की वार्ता तेजी से आगे बढ़ रही है। दोनों देशों ने इस दिशा में संतोष व्यक्त किया है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ने संकेत दिया था कि वे किसी भी समय भारत पर टैरिफ में कमी की घोषणा कर सकते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि व्यापार समझौता भी जल्द ही अंतिम रूप ले सकता है। भारत के उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आश्वासन दिया है कि इस समझौते में किसानों, दुग्ध उत्पादकों और श्रमिकों की भलाई को ध्यान में रखा जाएगा।


अमेरिका के सकारात्मक संकेत

अमेरिका ने यह स्पष्ट किया है कि भारत के साथ व्यापार वार्ता में तेजी आ रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाल की बातचीत में कई सकारात्मक प्रगति हुई है और उम्मीद है कि वर्ष के अंत तक ठोस परिणाम सामने आ सकते हैं। इस अधिकारी के अनुसार, अमेरिका और भारत के बीच दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत चल रही है - पहला, पारस्परिक व्यापार समझौता और दूसरा, भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद से संबंधित मुद्दा।


उन्होंने कहा कि तेल के बाजार में स्थिति में सुधार देखा गया है। अधिकारी ने बताया कि हाल ही में भारत के साथ कई सकारात्मक विकास हुए हैं। व्यापार समझौते पर बातचीत आगे बढ़ रही है और रूसी तेल के मामले में भी स्थिति में सुधार हुआ है। हालांकि, अभी भी बहुत काम बाकी है, लेकिन प्रगति तेज है और वर्ष के अंत से पहले और उपलब्धियां मिल सकती हैं।


भारत ने अमेरिका की शर्तें मानी

अमेरिकी दबाव के चलते, भारत ने पिछले कुछ महीनों में रूस से कच्चे तेल के आयात में भारी कमी की है। आने वाले महीनों में इसे और कम करने की योजना है। भारत ने अब अपनी आवश्यकताओं के अनुसार खाड़ी देशों और अमेरिका से कच्चा तेल आयात करना शुरू कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहले ही भारत को चेतावनी दी थी कि जब तक भारत रूस से कच्चा तेल आयात करना बंद नहीं करता, तब तक व्यापार समझौता नहीं होगा और आर्थिक प्रतिबंध भी बढ़ाए जाएंगे। इसके बाद भारत ने रूस से कच्चे तेल का आयात लगभग बंद कर दिया है।