भारत-अमेरिका संबंधों में टैरिफ का प्रभाव: वी. नागेश्वरन की भविष्यवाणी
अमेरिकी टैरिफ से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान
वी. अनंत नागेश्वरन का बयान
अमेरिका द्वारा लागू की गई नई टैरिफ दरों के चलते भारतीय निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। हालांकि, भारतीय आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि भारत इस चुनौती से जल्दी ही उबर जाएगा। केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि यह समस्या केवल एक या दो तिमाहियों की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक स्थिति अस्थिर है और भारत-अमेरिका संबंध सहयोग से गतिरोध की ओर बढ़ रहे हैं। उनका विश्वास है कि मौजूदा स्थिति जल्द ही सुधर जाएगी।
निजी क्षेत्र की भूमिका
नागेश्वरन ने निजी क्षेत्र से अधिक प्रयास करने की अपील की, क्योंकि देश अन्य दीर्घकालिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। वित्त वर्ष 2025 में विकास दर में गिरावट आई है, जो वित्त वर्ष 2024 के 9.2 प्रतिशत से घटकर 6.5 प्रतिशत रह गई है।
कृषि नीतियों का महत्व
उन्होंने सही कृषि नीतियों को वास्तविक जीडीपी वृद्धि में 25 प्रतिशत तक इजाफा करने का एक महत्वपूर्ण कारक बताया। नागेश्वरन ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ेगा, जिसमें रत्न, आभूषण, झींगा और वस्त्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति से अवगत है और प्रभावित क्षेत्रों के साथ बातचीत शुरू कर दी गई है।
ब्राजील का उदाहरण
भारत के साथ-साथ अमेरिका ने ब्राजील पर भी 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया था। लेकिन ब्राजील की सरकार ने तुरंत इस समस्या से निपटने के लिए कदम उठाए। राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा ने टैरिफ प्रभावित निर्यातकों के लिए 30 अरब रियाल (लगभग 5.5 अरब अमेरिकी डॉलर) की आर्थिक सहायता देने की योजना की घोषणा की। उन्होंने उद्योगपतियों को इस कठिन समय में साहस से काम करने के लिए प्रेरित किया।