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भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संधि की संभावनाएं बढ़ीं

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संधि की वार्ता में तेजी आई है, जिसमें संभावित समझौते की घोषणा जल्द ही हो सकती है। अमेरिका के वित्त मंत्री ने अगले 72 घंटों को महत्वपूर्ण बताया है, जबकि भारत ने अमेरिका के कृषि उत्पादों पर शुल्क घटाने की पेशकश की है। जानें इस व्यापारिक संबंध में क्या चुनौतियां और संभावनाएं हैं।
 

भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में तेजी

नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संधि पर बातचीत जारी है। सूत्रों के अनुसार, इसकी घोषणा किसी भी समय हो सकती है, संभवतः सात या आठ जुलाई को। ध्यान देने योग्य बात यह है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा निर्धारित डेडलाइन नौ जुलाई को समाप्त हो रही है। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने इस समय सीमा को बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिससे भारत और अन्य देशों को अमेरिका के साथ समझौता करने के लिए एक अगस्त तक का समय मिल गया है।


अमेरिकी वित्त मंत्री का बयान

अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने एक मीडिया चैनल के साथ बातचीत में कहा कि अगले 72 घंटे उनके लिए महत्वपूर्ण रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप कई व्यापारिक साझेदार देशों को पत्र भेजने वाले हैं। यदि ये देश अमेरिका के साथ व्यापार संधि नहीं करते हैं, तो एक अगस्त को उन्हें पहले की टैरिफ स्थिति में लौटना पड़ेगा। बेसेंट ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप एक सौ छोटे देशों को भी पत्र भेजेंगे, भले ही उन देशों के साथ अमेरिका का व्यापार सीमित हो।


भारत के साथ संभावित समझौता

अमेरिकी वित्त मंत्री के संकेतों में भारत का भी नाम शामिल है, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि भारत के साथ जल्द ही समझौता हो सकता है। उल्लेखनीय है कि ट्रंप ने दो अप्रैल को लगभग एक सौ देशों पर टैरिफ लगाया था, जिसे बाद में 90 दिनों के लिए टाल दिया गया। यदि समझौता नहीं होता है, तो भारत पर 26 प्रतिशत शुल्क लागू हो जाएगा।


भारत की शर्तें

भारत चाहता है कि टैरिफ न लगे, लेकिन इसके लिए अमेरिका ने मांग की है कि भारत उसके कृषि और डेयरी उत्पादों को अपने बाजार में अधिक स्थान दे। सूत्रों के अनुसार, भारत ने अमेरिका के पेकान नट्स, ब्लूबेरी और अन्य कृषि उत्पादों पर शुल्क घटाने की पेशकश की है। इसके अलावा, भारत पशुओं के चारे पर भी छूट देने को तैयार है और ऑटोमोबाइल तथा कुछ औद्योगिक उत्पादों पर भी शुल्क में रियायत दे सकता है।


अमेरिका की अपेक्षाएं

हालांकि, अमेरिका चाहता है कि भारत उसके डेयरी उत्पादों और जेनेटिकली मॉडिफाइड फसलों, जैसे मक्का और सोयाबीन, पर टैरिफ कम करे। सूत्रों के अनुसार, भारत मक्का, सोयाबीन या अन्य अमेरिकी जीएम उत्पादों को कम शुल्क पर बेचने की अनुमति नहीं दे सकता, क्योंकि इससे भारतीय किसानों को नुकसान होगा। फिर भी, अमेरिका के साथ वार्ता जारी है और एक मिनी ट्रेड डील की घोषणा जल्द ही हो सकती है।