भारत और चीन के व्यापारिक संबंधों पर सुब्रह्मण्यम का बयान
चीन के साथ व्यापारिक संबंधों की अहमियत
हम चीन को नजरअंदाज नहीं कर सकते
भारत-चीन व्यापार (बिजनेस डेस्क): चीन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि चीन के विशाल बाजार तक पहुंच बनाए रखना और उसके निवेश को आकर्षित करना भारत के आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि चीन की अर्थव्यवस्था 18,000 अरब डॉलर की है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सुब्रह्मण्यम ने कहा, 'एशिया पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है। यदि आप चीन को पर्याप्त मात्रा में उत्पाद नहीं बेच पा रहे हैं, तो इसका क्या लाभ है? यह एक विशाल अर्थव्यवस्था है, और आपको प्रतिस्पर्धा करने की आवश्यकता है।'
पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करना चाहिए
सुब्रह्मण्यम ने यह भी कहा कि भारत को अपने पड़ोसी देशों, विशेषकर चीन के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना चाहिए। उनके बयान से यह संकेत मिलता है कि भारत चीन के साथ 'मजबूत व्यापारिक संबंध' बनाने की दिशा में आगे बढ़ सकता है।
भारत की भौगोलिक चुनौतियाँ
उन्होंने कहा कि भारत एक कठिन भौगोलिक स्थिति में है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि यूरोपीय संघ अपने भीतर 50 प्रतिशत व्यापार करता है, जबकि बांग्लादेश भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। उन्होंने जोर दिया कि यदि पड़ोसियों के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध नहीं हैं, तो यह नुकसानदायक हो सकता है।
जब उनसे चीन से निवेश पर प्रतिबंध हटाने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट उत्तर नहीं दिया, लेकिन स्वीकार किया कि चीन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण सप्लायर है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ व्यापार बढ़ाना आवश्यक है, क्योंकि ये आपके सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार हो सकते हैं।