भारत और रूस के बीच निवेश संवर्धन पर नई पहल
भारत-रूस संबंधों में नई दिशा
भारत और रूस ने शुक्रवार को अपने अधिकारियों को निवेश संवर्धन और संरक्षण के लिए आपसी लाभकारी समझौते पर बातचीत को तेज करने का निर्देश दिया। यह विषय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई शिखर बैठक में उठाया गया। दोनों नेताओं ने ऊर्जा क्षेत्र में मौजूदा और संभावित सहयोग पर भी चर्चा की।
संयुक्त बयान में महत्वपूर्ण बिंदु
बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने भारत और यूरेशियाई आर्थिक संघ के बीच वस्तुओं के मुक्त व्यापार समझौते के प्रयासों को तेजी से आगे बढ़ाने की सराहना की। उन्होंने निवेश संवर्धन और संरक्षण पर आपसी लाभकारी समझौते के लिए प्रयासों को तेज करने का निर्देश भी दिया।
मुक्त व्यापार समझौते की प्रगति
भारत और यूरेशियाई आर्थिक क्षेत्र (ईएईयू) ने पिछले हफ्ते नई दिल्ली में मुक्त व्यापार समझौते के लिए पहले दौर की बातचीत की थी। भारत और इस समूह के पांच देशों ने 20 अगस्त को समझौते के संदर्भ शर्तों पर हस्ताक्षर किए थे। ईएईयू में रूस, आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान शामिल हैं।
द्विपक्षीय व्यापार को संतुलित करने की सहमति
बयान में कहा गया कि मोदी और पुतिन ने भारत से रूस को निर्यात बढ़ाकर द्विपक्षीय व्यापार को संतुलित करने और टिकाऊ ढंग से बढ़ाने पर सहमति जताई। दोनों पक्षों ने व्यापार में शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं को दूर करने, लॉजिस्टिक में अड़चनों को हटाने, संपर्क बढ़ाने, भुगतान व्यवस्था को सुगम बनाने और बीमा-पुनर्बीमा के मुद्दों का समाधान निकालने पर जोर दिया।
राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग पर सहमति
बयान में यह भी कहा गया कि रूस और भारत ने बिना बाधा द्विपक्षीय व्यापार की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग से निपटान प्रणालियों को संयुक्त रूप से विकसित करने पर सहमति जताई है।
ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग
दोनों पक्षों ने ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक सहयोग को विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। उन्होंने तेल, तेल उत्पाद, तेल शोधन, पेट्रोकेमिकल तकनीक, अपस्ट्रीम तकनीक और संबंधित बुनियादी ढांचे में भारतीय और रूसी कंपनियों के बीच मौजूदा और संभावित सहयोग के महत्व को स्वीकार किया।