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भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी: फिच ने जीडीपी वृद्धि का अनुमान बढ़ाया

फिच रेटिंग्स ने भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 6.5 प्रतिशत था। रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू खपत और मजबूत मांग ने विकास की गति को तेज किया है। हालांकि, अमेरिका के साथ व्यापार तनाव विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। भारत सरकार ने जीएसटी सुधार लागू करने की घोषणा की है, जिससे उपभोक्ता खर्च में सुधार की उम्मीद है। जानें इस रिपोर्ट में और क्या कहा गया है और भविष्य के लिए क्या अनुमान लगाए गए हैं।
 

भारत की जीडीपी वृद्धि दर का नया अनुमान

भारत की जीडीपी वृद्धि: वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक नया अनुमान प्रस्तुत किया है। इसने चालू वित्त वर्ष (2025-26) के लिए जीडीपी वृद्धि दर को 6.9 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है, जबकि पहले यह 6.5 प्रतिशत आंकी गई थी। एजेंसी का मानना है कि अप्रैल से जून की तिमाही में घरेलू खपत और मजबूत मांग ने विकास की गति को तेज किया है।


मार्च से जून तिमाही के बीच आर्थिक गतिविधियों में सुधार

मार्च और जून तिमाही के बीच आर्थिक गतिविधियां बेहतर


फिच की हालिया ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक (GEO)-सितंबर रिपोर्ट के अनुसार, मार्च और जून तिमाही के बीच भारत की आर्थिक गतिविधियां अपेक्षा से बेहतर रहीं। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7.8 प्रतिशत रही, जबकि पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च) में यह 7.4 प्रतिशत थी। दिलचस्प बात यह है कि फिच ने अपनी जून रिपोर्ट में अप्रैल-जून तिमाही के लिए 6.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था, लेकिन वास्तविक परिणाम इससे कहीं बेहतर रहे।


व्यापार तनाव का विकास पर प्रभाव

हालांकि, फिच ने चेतावनी दी है कि अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते व्यापार तनाव विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। अमेरिका ने हाल ही में भारतीय वस्तुओं पर 25 से 50 प्रतिशत तक अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की है। फिच का मानना है कि भविष्य में इस मुद्दे पर बातचीत हो सकती है और शुल्कों को कम किया जा सकता है, लेकिन वर्तमान में यह अनिश्चितता निवेश और व्यापारिक भावनाओं पर नकारात्मक असर डाल सकती है।


जीएसटी सुधारों का प्रभाव

जीएसटी सुधार लागू करने की घोषणा


इस बीच, भारत सरकार ने 22 सितंबर से जीएसटी सुधार लागू करने की घोषणा की है। फिच का मानना है कि इस कदम से चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि और अगले वित्त वर्ष में उपभोक्ता खर्च में मामूली सुधार देखने को मिलेगा। हालांकि, एजेंसी का अनुमान है कि अक्टूबर से मार्च की दूसरी छमाही में विकास की गति कुछ धीमी हो सकती है।


भविष्य के लिए विकास दर के अनुमान

भविष्य की ओर देखते हुए, फिच ने वित्त वर्ष 2026-27 के लिए भारत की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2027-28 के लिए 6.2 प्रतिशत आंकी है। मौजूदा अनुमानों के अनुसार, भारत की जीडीपी वृद्धि दर का फिच का अनुमान अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में सबसे ऊंचा है।


चालू वित्त वर्ष में वृद्धि की संभावनाएं

चालू वित्त वर्ष में 6.3 से 6.8 प्रतिशत वृद्धि की संभावना


यह ध्यान देने योग्य है कि भारत सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण में चालू वित्त वर्ष में 6.3 से 6.8 प्रतिशत वृद्धि की संभावना जताई गई थी। इस प्रकार, फिच का 6.9 प्रतिशत का अनुमान भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है और यह दर्शाता है कि घरेलू मांग और नीतिगत सुधार आर्थिक मजबूती की नींव बने हुए हैं।