भारत की जीडीपी वृद्धि: वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच वित्त मंत्री का बयान
भारत की आर्थिक स्थिति पर वित्त मंत्री का दृष्टिकोण
कहा, अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.8 प्रतिशत रही
भारत की जीडीपी वृद्धि दर (बिजनेस डेस्क): केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि पिछले वर्ष में वैश्विक परिस्थितियों में अस्थिरता बढ़ी है। इसका प्रभाव कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है, लेकिन भारत इस स्थिति से अलग है। वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, भारत की मजबूती और लचीलापन उसके मजबूत मैक्रोइकोनॉमिक कारकों के कारण है।
वित्त मंत्री ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 91वें स्थापना दिवस समारोह में यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि इन सभी वैश्विक चुनौतियों के बीच, भारत की लचीलापन स्पष्ट होती है, और कई सकारात्मक कारक जैसे मजबूत आर्थिक आधार, युवा जनसंख्या और घरेलू मांग पर निर्भरता, भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करते हैं।
भारत की वित्तीय शक्ति और लचीलापन
सीतारमण ने कहा कि आर्थिक लचीलापन इस वर्ष अप्रैल-जून तिमाही में भी जारी रहा, जिसमें भारत की जीडीपी 7.8 प्रतिशत बढ़ी है। उन्होंने इसे आकस्मिक नहीं बताया, बल्कि इसे पिछले दशक में लागू की गई सक्रिय राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों, संरचनात्मक सुधारों, और बुनियादी ढांचे के विकास का परिणाम बताया।
एमएसएमई पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता
इस अवसर पर वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से एमएसएमई पर ध्यान बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि एमएसएमई को अधिक ऋण उपलब्ध कराना चाहिए और शिक्षा ऋण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। नागराजू ने बैंकों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि कोई भी शिक्षा ऋण आवेदन अस्वीकृत न हो। इसके साथ ही, उन्होंने कृषि और संबंधित गतिविधियों के लिए ऋण देने में वृद्धि की आवश्यकता पर भी जोर दिया।