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भारत के निर्यातकों के लिए ट्रंप के टैरिफ का सामना करने की नई योजना

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद, भारत ने निर्यातकों के लिए 20,000 करोड़ रुपये का प्रमोशन मिशन शुरू करने की योजना बनाई है। यह मिशन वैश्विक व्यापार की अनिश्चितताओं से बचाने के लिए तैयार किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि यह योजना सितंबर तक लागू होगी, जिसमें निर्यात ऋण तक आसान पहुंच और गैर-टैरिफ बाधाओं का सामना करने के उपाय शामिल होंगे। जानें इस नई योजना के बारे में और कैसे यह भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है।
 

ट्रंप का टैरिफ ऐलान और भारत की प्रतिक्रिया

डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो 7 अगस्त से लागू होगा। इसके बाद, उन्होंने भारत पर फिर से निशाना साधते हुए भारी टैरिफ लगाने की बात की है। उनका कहना है कि भारत के साथ व्यापार संतुलन राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है, इसलिए यह टैरिफ लगाया जा रहा है। इस समय, रूस के साथ व्यापार करना सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है। पहले ट्रंप ने 24 घंटे में यूक्रेन युद्ध समाप्त करने का दावा किया था, लेकिन जब वह इसमें असफल रहे, तो अब उनकी रणनीति उन देशों को दंडित करने की है जो रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं। भारत ने अमेरिका को यह दिखाया है कि कैसे अमेरिका और यूरोप रूस के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार कर रहे हैं, जबकि भारत को मना किया जा रहा है। इस टैरिफ के कारण भारत के कई सेक्टर, विशेषकर अमेरिका में निर्यात करने वाले, प्रभावित होंगे। ऐसे में भारत को अपनी अर्थव्यवस्था और नागरिकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है।


नए निर्यात प्रमोशन मिशन की योजना

ट्रंप के इस कदम से निर्यात पर बड़ा असर पड़ेगा, जिसके चलते भारत 20,000 करोड़ रुपये का निर्यात प्रमोशन मिशन शुरू करने की योजना बना रहा है। अधिकारियों के अनुसार, यह योजना सितंबर तक लागू की जाएगी, जिसका उद्देश्य निर्यातकों को वैश्विक व्यापार की अनिश्चितताओं से बचाना है। नए मिशन के तहत निर्यात ऋण तक पहुंच को आसान बनाने और विदेशी बाजारों में गैर-शुल्क बाधाओं का सामना करने के लिए कई उपायों की योजना बनाई जा रही है। यह रणनीति विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वाणिज्य मंत्रालय निर्यातकों को अमेरिका द्वारा लगाए गए 25% टैरिफ से निपटने के लिए स्वदेशी ब्रांडों को विकसित करने की सलाह दे रहा है।


भारत की निर्यातकों के लिए बड़ी योजना

अधिकारियों ने बताया कि भारत अपने निर्यातकों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार में उतार-चढ़ाव और बाजार की अनिश्चितताओं से बचाने के लिए सितंबर तक इस योजना को लागू करने की योजना बना रहा है। नए निर्यात प्रमोशन मिशन में निर्यात ऋण तक पहुंच को आसान बनाने और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गैर-टैरिफ बाधाओं को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस मिशन को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए अगले पांच से छह वर्षों में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की आवश्यकता होगी।


सितंबर से शुरू होने की संभावना

इस रणनीति में एमएसएमई निर्यातकों के लिए न्यूनतम या बिना किसी संपार्श्विक आवश्यकता के ऋण प्रदान करना शामिल है, जो व्यक्तिगत निर्यात सीमा और ऋण-योग्यता मूल्यांकन के अधीन होगा। यह पहल वाणिज्य एवं उद्योग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और वित्त मंत्रालयों के बीच सहयोगात्मक प्रयास है। यह मिशन अमेरिका और अन्य देशों में निर्यात को अप्रत्यक्ष रूप से सहायता करेगा। इसे अगस्त तक पूरा करना होगा ताकि सितंबर तक यह चालू हो सके।