भारत के वित्तीय भविष्य की नई दिशा: सेबी अध्यक्ष का दृष्टिकोण
सेबी अध्यक्ष का कार्यक्रम में संबोधन
सेबी के अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे ने हाल ही में एक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर मिलने पर गर्व महसूस किया, जिसमें मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर संस्थानों के प्रमुख, बीएससी ब्रोकर्स फोरम के अधिकारी और वित्तीय क्षेत्र के अन्य विशेषज्ञ शामिल थे। उन्होंने इस कार्यक्रम का शीर्षक 'Reimagining India’s Financial Future' रखा और इसे वर्तमान समय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
वित्तीय बाजारों की चुनौतियाँ और अवसर
पांडे ने बताया कि आज भारत और वैश्विक वित्तीय बाजार कई असामान्य और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। वैश्विक घटनाओं की उथल-पुथल और नई तकनीकी लहरों ने बाजारों में जटिलता को बढ़ा दिया है। फिर भी, उन्होंने कहा कि भारत के पास जनसांख्यिकीय लाभांश, आर्थिक संभावनाएं और एक साझा दृष्टि जैसे विशिष्ट अवसर भी हैं, जो देश को एक सशक्त और जीवंत वित्तीय भविष्य की ओर ले जा सकते हैं।
वित्तीय क्षेत्र में नवाचार और स्थिरता
सेबी अध्यक्ष ने वित्तीय क्षेत्र में कार्यरत सभी पेशेवरों के योगदान की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के संवाद और विचार-विमर्श नवाचार, निवेश और बाजार की स्थिरता को बढ़ावा देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के वित्तीय बाजार को सुरक्षित, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए निरंतर प्रयास आवश्यक हैं।
भविष्य की पीढ़ियों के लिए वित्तीय बाजार का विकास
पांडे ने यह स्पष्ट किया कि भारत की वित्तीय प्रणाली का सशक्तिकरण न केवल आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि यह युवा प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करने और वैश्विक निवेशकों के विश्वास को मजबूत करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए वित्तीय बाजार को विकसित करना और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। इस प्रकार, कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के वित्तीय भविष्य की कल्पना करना और उसे सशक्त एवं समावेशी बनाने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करना था।