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भारत ने अमेरिका से कच्चे तेल का आयात बढ़ाया, टैरिफ युद्ध के बीच चौंकाने वाले आंकड़े

भारत ने अमेरिका से कच्चे तेल के आयात में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जबकि अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका की हिस्सेदारी भारत के कुल कच्चे तेल के आयात में 3 प्रतिशत से बढ़कर 8 प्रतिशत हो गई है। इस बीच, ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी है। जानिए इस व्यापार के पीछे के कारण और आंकड़े।
 

भारत और अमेरिका के बीच कच्चे तेल का व्यापार

भारत अमेरिका कच्चे तेल व्यापार: अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, लेकिन इस पर ट्रंप ने फिलहाल रोक लगा दी है। दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर सुलह की कोई संभावना नहीं दिख रही है। इसके अलावा, रूस से कच्चे तेल और हथियारों की खरीद पर भी अमेरिका ने जुर्माना लगाया था। इस बीच, भारत ने अमेरिका से कच्चे तेल की खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि की है।


आंकड़ों के अनुसार, भारत के कुल कच्चे तेल के आयात में अमेरिका की हिस्सेदारी 3 प्रतिशत से बढ़कर 8 प्रतिशत हो गई है। जुलाई 2025 में भारत के तेल आयात में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2025 के पहले छह महीनों में अमेरिका से कच्चे तेल के आयात में 51 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह वृद्धि अचानक हुई है या नियोजित, यह भी एक महत्वपूर्ण सवाल है। अप्रैल से जून की तिमाही में यह वृद्धि 114 प्रतिशत तक पहुंच गई है।


रूस से सस्ता तेल

पिछले छह महीनों में, भारत ने अमेरिका से प्रतिदिन 2.71 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदा है, जबकि इसी अवधि में 2024 में यह आंकड़ा 1.80 लाख बैरल प्रतिदिन था। इसके अलावा, भारत ने अमेरिका से एलपीजी और एलएनजी का आयात भी दोगुना कर दिया है। भारत के लिए रूस से तेल खरीदना अधिक सस्ता पड़ता है क्योंकि रूस तेल पर छूट देता है।


ट्रंप की अतिरिक्त टैरिफ की धमकी

वर्तमान वित्तीय वर्ष में भारत का एलएनजी आयात लगभग दोगुना होकर 2.46 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। ट्रंप भारत की व्यापारिक नीतियों की आलोचना कर रहे हैं, जबकि भारतीय ऊर्जा कंपनियां अमेरिका से कच्चे तेल की खरीद बढ़ा रही हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी है।