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भारत में UPI लेनदेन की नई ऊंचाइयां: अक्टूबर में रिकॉर्ड वृद्धि

अक्टूबर 2023 में भारत में UPI लेनदेन ने नई ऊंचाइयों को छुआ है, जिसमें 27.28 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड मूल्य दर्ज किया गया। त्योहारों की खरीददारी ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह डिजिटल भुगतान की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो भारतीय उपभोक्ताओं को वैश्विक स्तर पर सहज लेनदेन की सुविधा प्रदान करेगा। जानें UPI के वैश्विक विस्तार और भविष्य की संभावनाओं के बारे में।
 

भारत में डिजिटल भुगतान का उभार


नई दिल्ली: भारत में डिजिटल भुगतान की प्रवृत्ति लगातार बढ़ती जा रही है। अक्टूबर में त्योहारों की खरीददारी ने Unified Payments Interface (UPI) को एक नया मील का पत्थर स्थापित करने का अवसर प्रदान किया है।


UPI लेनदेन का आंकड़ा

National Payments Corporation of India (NPCI) के अनुसार, इस महीने UPI लेनदेन का कुल मूल्य 27.28 लाख करोड़ रुपये और कुल लेनदेन की संख्या 20.7 अरब तक पहुंच गई। यह सितंबर की तुलना में 9.5 प्रतिशत और पिछले साल अक्टूबर की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है।


त्योहारों का प्रभाव

अक्टूबर में UPI लेनदेन में वृद्धि का मुख्य कारण त्योहारों की खरीददारी रही। औसतन, प्रतिदिन 668 मिलियन लेनदेन हुए, जिनका दैनिक औसत मूल्य 87,993 करोड़ रुपये रहा। यह दर्शाता है कि डिजिटल भुगतान भारतीयों के जीवन में कितनी गहराई से समाहित हो चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि त्योहारों के दौरान बढ़ते लेनदेन ने UPI की विश्वसनीयता को साबित किया है।


मासिक और वार्षिक वृद्धि

सितंबर 2025 में UPI लेनदेन 24.9 लाख करोड़ रुपये था, जबकि अक्टूबर में यह 27.28 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 9.5 प्रतिशत की मासिक वृद्धि दर्शाता है। अक्टूबर 2023 के 23.49 लाख करोड़ रुपये की तुलना में यह 16 प्रतिशत अधिक है, जो यह संकेत करता है कि भारतीय उपभोक्ता और व्यापारी तेजी से डिजिटल लेनदेन को अपना रहे हैं।


वैश्विक विस्तार

UPI अब भारत में सभी डिजिटल लेनदेन का 85 प्रतिशत संभालता है और वैश्विक स्तर पर रियल टाइम डिजिटल भुगतान का लगभग आधा हिस्सा भी। यह भारत की फिनटेक क्षेत्र में बढ़ती ताकत का प्रतीक है। UPI पहले से ही सात देशों में कार्यरत है, जिनमें संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस शामिल हैं। फ्रांस में इसका विस्तार यूरोप में पहला कदम माना जा रहा है।


NPCI की भूमिका

NPCI, जो RBI और भारतीय बैंकों के संघ की पहल है, भारत में रिटेल भुगतान और सेटलमेंट सिस्टम का संचालन करता है। UPI के माध्यम से ग्राहक आपसी भुगतान और दुकानदारों के साथ वास्तविक समय में लेनदेन कर सकते हैं। यह ढांचा भारतीय अर्थव्यवस्था में डिजिटल भुगतान के विस्तार को और मजबूत कर रहा है।


भविष्य की संभावनाएं

विशेषज्ञों का मानना है कि UPI की निरंतर वृद्धि भारतीय वित्तीय प्रणाली में डिजिटल अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भविष्य में और अधिक देशों में विस्तार और तेज, सुरक्षित लेनदेन की सुविधा प्रदान करेगा। भारतीय उपभोक्ता अब वैश्विक स्तर पर भी सहज भुगतान कर सकते हैं, जिससे भारत की डिजिटल साख और मजबूती बढ़ रही है।