भारत में नई एयरलाइंस का आगमन: यात्रियों के लिए बढ़ते विकल्प
भारत के विमानन क्षेत्र में तीन नई एयरलाइंस का आगमन हो रहा है, जिससे यात्रियों को टिकट के अधिक विकल्प मिलेंगे। केंद्र सरकार ने शंख एयर, अल हिंद एयर और फ्लाईएक्सप्रेस को उड़ान शुरू करने के लिए 'नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट' जारी किया है। यह कदम इंडिगो और एयर इंडिया जैसी बड़ी एयरलाइंस के बढ़ते दबदबे के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए उठाया गया है। जानें इन नई एयरलाइंस के बारे में और सरकार के लक्ष्य के बारे में।
Dec 25, 2025, 12:45 IST
नई एयरलाइंस का परिचय
भारत के विमानन क्षेत्र में यात्रियों के लिए टिकट के अधिक विकल्प उपलब्ध होने जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने तीन नई एयरलाइंस, शंख एयर, अल हिंद एयर और फ्लाईएक्सप्रेस को उड़ान शुरू करने के लिए 'नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट' जारी कर दिया है।
बड़ी एयरलाइंस का दबदबा
यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब इंडिगो और एयर इंडिया जैसी प्रमुख एयरलाइंस का बाजार में दबदबा बढ़ता जा रहा है, जिससे प्रतिस्पर्धा कम हो रही है।
नई एयरलाइंस की आवश्यकता
वर्तमान में, भारतीय घरेलू बाजार का 90 प्रतिशत हिस्सा केवल इंडिगो और एयर इंडिया ग्रुप के पास है, जिसमें इंडिगो की हिस्सेदारी 65 प्रतिशत से अधिक है। हाल ही में इंडिगो की उड़ानों में तकनीकी समस्याओं के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा, जिसके बाद सरकार ने एक ही एयरलाइन पर निर्भरता कम करने और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने का निर्णय लिया।
नई एयरलाइंस की जानकारी
अल हिंद एयर: इसे केरल के 'अलहिंद ग्रुप' द्वारा प्रमोट किया जा रहा है, जो पहले से ही ट्रैवल सेक्टर में सक्रिय है।
शंख एयर: इस एयरलाइन के 2026 तक अपनी कमर्शियल उड़ानें शुरू करने की उम्मीद है।
फ्लाईएक्सप्रेस: यह एयरलाइन भी जल्द ही घरेलू रूट्स पर अपनी सेवाएं शुरू करने की तैयारी में है।
सेक्टर की चुनौतियां और सरकार का लक्ष्य
नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने बताया कि सरकार का उद्देश्य 'उड़ान' जैसी योजनाओं के माध्यम से छोटे शहरों में हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाना है। हालांकि, भारत में एयरलाइन चलाना जोखिम भरा साबित हुआ है। हाल के वर्षों में जेट एयरवेज और गो फर्स्ट जैसी बड़ी कंपनियां वित्तीय संकट के कारण बंद हो गईं, जबकि क्षेत्रीय कैरियर फ्लाई बिग ने भी अपनी सेवाएं रोक दी हैं। वर्तमान में भारत में केवल 9 शेड्यूल्ड एयरलाइंस ही कार्यरत हैं।
अगले कदम
एनओसी मिलने के बाद, इन तीनों कंपनियों को अब डीजीसीए से 'एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट' प्राप्त करना होगा और अन्य नियामक प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा, जिसके बाद ये आधिकारिक तौर पर यात्रियों के लिए उड़ान भर सकेंगी।