भारत में रूस से कच्चे तेल का आयात घटा, सरकारी कंपनियों ने कम किया खरीदारी
सितंबर में तेल आयात में कमी
अगस्त की तुलना में सितंबर में 32% कम हुआ तेल आयात
हाल के दिनों में भारत ने रूस से कच्चे तेल का आयात बढ़ाया है, जिसका मुख्य कारण यह है कि रूस से मिलने वाला तेल सबसे सस्ता है। हालांकि, अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लगा दिया है, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई है। सितंबर में तेल आयात के आंकड़े चौंकाने वाले हैं।
सरकारी कंपनियों ने घटाया रूस से तेल आयात
एक डेटा रिसर्च एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर में भारत की सरकारी कंपनियों ने रूस से तेल का आयात अगस्त की तुलना में काफी कम किया है। भारत पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल जैसी कंपनियों ने 32% की कमी दर्ज की है। इसके अलावा, जून के मुकाबले यह कमी 45% तक पहुंच गई है। इस कमी का मुख्य कारण अमेरिकी दबाव और सप्लाई में विविधता लाना है।
प्राइवेट कंपनियों ने बढ़ाई तेल खरीद
सितंबर में प्राइवेट रिफाइनर कंपनियों का आयात बढ़कर 9.7 लाख बैरल प्रति दिन हो गया, जो अप्रैल से अगस्त के औसत से 4% और अगस्त से 8% अधिक है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि निजी कंपनियों ने 60% से अधिक तेल रूस से खरीदा है। इसका मुख्य कारण सस्ते रूसी तेल से होने वाला लाभ है। निजी कंपनियां कच्चे तेल से पेट्रोलियम उत्पाद बनाकर अन्य देशों को निर्यात कर मुनाफा कमाती हैं।