×

भारतीय रिजर्व बैंक ने चेक निपटान प्रणाली के दूसरे चरण को स्थगित किया

भारतीय रिजर्व बैंक ने चेक निपटान प्रणाली के दूसरे चरण को स्थगित कर दिया है, जिससे बैंकों को अपने संचालन को व्यवस्थित करने के लिए अधिक समय मिलेगा। इस प्रणाली के तहत चेक की इलेक्ट्रॉनिक छवि और डेटा का उपयोग किया जाता है, जिससे निपटान की प्रक्रिया तेज होती है। पहले चरण में कुछ चुनौतियों का सामना करने के बाद, अब बैंकों को चेक को तीन घंटे के भीतर क्लियर करना अनिवार्य होगा। जानें इस बदलाव के प्रभाव और नई प्रक्रिया के बारे में।
 

चेक निपटान प्रणाली का दूसरा चरण स्थगित

भारतीय रिजर्व बैंक ने चेक के त्वरित निपटान प्रणाली के दूसरे चरण के कार्यान्वयन को फिलहाल रोक दिया है। इसका उद्देश्य बैंकों को इस प्रणाली के अनुसार अपने कार्यों को व्यवस्थित करने के लिए अधिक समय प्रदान करना है.


चेक ट्रंकेशन सिस्टम का महत्व

‘चेक ट्रंकेशन सिस्टम’ (सीटीएस) के तहत, चेक की भौतिक प्रतिलिपि भेजने के बजाय उसकी इलेक्ट्रॉनिक छवि और एमआईसीआर डेटा (बैंक जानकारी) का उपयोग किया जाता है, जिससे निपटान की प्रक्रिया तेज होती है. इस प्रणाली का दूसरा चरण तीन जनवरी से लागू होने वाला था.


पहले चरण की चुनौतियाँ

पहले चरण के कार्यान्वयन में कुछ प्रारंभिक समस्याएँ सामने आई थीं, जो चार अक्टूबर को शुरू हुआ था. दूसरे चरण में, बैंकों को ‘चेक ट्रंकेशन सिस्टम’ के तहत प्राप्त चेक को तीन घंटे के भीतर ‘क्लियर’ करना अनिवार्य होगा.


आरबीआई का बयान

भारतीय रिजर्व बैंक ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि बैंकों को अपने संचालन को व्यवस्थित करने के लिए अधिक समय देने के उद्देश्य से दूसरे चरण का कार्यान्वयन अगली सूचना तक स्थगित किया जा रहा है.


सत्र के समय में बदलाव

चेक प्रस्तुत करने का समय सुबह नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक और पुष्टि सत्र का समय सुबह नौ बजे से शाम सात बजे तक संशोधित किया गया है. पहले, प्रस्तुती सत्र सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक और पुष्टि सत्र सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक निर्धारित था.


चेक क्लियरिंग प्रक्रिया में सुधार

पहले चरण के तहत, आहरित बैंक को प्रस्तुत किए गए चेकों की पुष्टि सत्र के अंत तक करनी होती थी, अन्यथा उन्हें स्वीकृत मानकर निपटान में शामिल कर लिया जाता था. अब, चेक को स्कैन किया जाता है और कुछ घंटों में, व्यावसायिक घंटों के दौरान, निरंतर आधार पर पास किया जाता है.


नई प्रक्रिया का प्रभाव

इस बदलाव ने चेक क्लियरिंग चक्र को एक नई और तेज प्रक्रिया में बदल दिया है, जिसमें चेक प्रस्तुत किए जाने के कुछ घंटों के भीतर क्लियर हो जाएंगे. दूसरे चरण में, चेक की ‘आइटम’ समाप्ति अवधि को टी प्लस 3 क्लियरिंग घंटों में बदलने की योजना है.