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भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों की मुश्किलें: 18 म्यूचुअल फंड्स ने दिया निगेटिव रिटर्न

भारतीय शेयर बाजार ने पिछले एक साल में निवेशकों को कठिनाइयों में डाल दिया है, जहां 18 म्यूचुअल फंड्स ने शून्य या नकारात्मक रिटर्न दिया है। स्मॉल-कैप फंड्स में सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जिससे निवेशकों को भारी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ा है। इस स्थिति ने बाजार की अस्थिरता को उजागर किया है, जिसमें मजबूत फंडामेंटल्स के बावजूद निवेशकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
 

शेयर बाजार की चुनौतियाँ

मुंबई: पिछले एक वर्ष से भारतीय शेयर बाजार ने निवेशकों के लिए कठिनाइयाँ पैदा की हैं। स्थिति यह है कि जिन शेयरों के फंडामेंटल्स मजबूत हैं, वे भी दिग्गज निवेशकों के पोर्टफोलियो में लाल निशान के साथ दिखाई दे रहे हैं। म्यूचुअल फंड्स, जो आमतौर पर कम जोखिम वाले माने जाते हैं, का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा है। हालिया आंकड़ों के अनुसार, कम से कम 18 इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं ने निवेशकों की पूंजी को नुकसान पहुँचाया है और पिछले 12 महीनों में शून्य या नकारात्मक रिटर्न दिया है।


एसीई म्यूचुअल फंड के 31 अक्टूबर 2025 तक के आंकड़ों ने बाजार की कड़वी सच्चाई को उजागर किया है। स्मॉल-कैप, फ्लेक्सी-कैप, ईएलएसएस, मल्टी-कैप, फोकस्ड और मिड-कैप श्रेणियों में फैले ये 18 फंड मिलकर लगभग 1.29 लाख करोड़ रुपये का प्रबंधन करते हैं। चिंताजनक यह है कि इनमें से 12 फंडों ने निवेशकों को सीधे नुकसान पहुँचाया है। इस वर्ष इक्विटी सेगमेंट में स्मॉल-कैप योजनाओं को सबसे अधिक नुकसान हुआ है, जहाँ सात प्रमुख स्मॉल-कैप फंड 'शून्य-रिटर्न' की निराशाजनक सूची में शामिल हो गए हैं।


प्रमुख फंड हाउस भी इस गिरावट से अछूते नहीं रहे हैं। 'एसबीआई स्मॉल कैप फंड', जो इस श्रेणी का सबसे बड़ा है, ने 15 नवंबर 2025 तक केवल 0.6 प्रतिशत का मामूली रिटर्न दिया है। वहीं, कोटक स्मॉल कैप फंड में 2.70 प्रतिशत और एचएसबीसी स्मॉल कैप फंड में 2.20 प्रतिशत की गिरावट आई है। टाटा स्मॉल कैप फंड का प्रदर्शन और भी खराब रहा, जिसमें निवेशकों को 6.25 प्रतिशत का भारी नुकसान झेलना पड़ा। फ्रैंकलिन इंडिया स्मॉल कैप फंड भी मुश्किल से 0.94 प्रतिशत रिटर्न दे सका।


बाजार की सुस्ती केवल स्मॉल कैप तक सीमित नहीं है। क्वांट मल्टी कैप फंड ने महज 0.14 प्रतिशत रिटर्न दिया, जबकि क्वांट मिड कैप फंड (-0.15%), जेएम फ्लेक्सी कैप फंड (-0.83%) और नया एनजे फ्लेक्सी कैप फंड (-1.26%) नकारात्मक क्षेत्र में चले गए। इसके अलावा, मोतीलाल ओसवाल फोकस्ड फंड और जेएम वैल्यू फंड ने भी निवेशकों को निराश किया। इन फंडों का एयूएम 1,000 करोड़ से 10,000 करोड़ रुपये के बीच है, जो दर्शाता है कि छोटे और मझोले आकार के फंड भारी दबाव में हैं।


सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले फंडों में सैमको फ्लेक्सी कैप फंड सबसे ऊपर है, जिसने पिछले एक वर्ष में 11.32 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की। 2025 के आंकड़ों के अनुसार, सैमको फ्लेक्सी कैप फंड ने 15.49 प्रतिशत, एलआईसी एमएफ स्मॉल कैप फंड ने 10.46 प्रतिशत और सैमको ईएलएसएस टैक्स सेवर फंड ने लगभग 9 प्रतिशत का नुकसान पहुँचाया है। ये आंकड़े यह साबित करते हैं कि मौजूदा बाजार अस्थिरता में, मजबूत फंडामेंटल्स के बावजूद निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।