भारतीय शेयर बाजार में स्थिरता, आईटी शेयरों में मुनाफावसूली
शेयर बाजार की स्थिति
मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार ने लगभग स्थिरता के साथ कारोबार समाप्त किया। आईटी सेक्टर में मुनाफावसूली के चलते, जो दो दिनों की तेजी के बाद आई, सेंसेक्स और निफ्टी की चाल प्रभावित हुई। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और साल के अंत से पहले किसी बड़े ट्रिगर की कमी ने भी बाजार की गति को सीमित रखा।
सेंसेक्स और निफ्टी का प्रदर्शन
बीएसई सेंसेक्स 42 अंकों की गिरावट के साथ 85,524.84 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 50 ने 5 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 26,177.15 के स्तर पर स्थिरता दिखाई। पूरे दिन बाजार सीमित दायरे में ही कारोबार करता नजर आया।
विश्लेषकों की राय
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर के अनुसार, घरेलू बाजार पर वैश्विक संकेतों का मिश्रित प्रभाव रहा है। अधिकांश सेक्टरों में बिकवाली का दबाव देखा गया, लेकिन वित्तीय और एफएमसीजी शेयरों ने थोड़ी सहारा दिया है। निवेशक अब आगामी तिमाही नतीजों और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
बाजार की संभावनाएं
घरेलू मांग में सुधार की उम्मीद बाजार को एक आधार दे रही है, लेकिन वैश्विक व्यापार समझौतों में अनिश्चितता और रुपये की चाल निवेशकों की धारणा को प्रभावित कर सकती है।
अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों का हाल
अमेरिकी बाजारों में वॉल स्ट्रीट के प्रमुख सूचकांक उतार-चढ़ाव के बीच लगभग सपाट रहे हैं। मजबूत आर्थिक आंकड़ों के बाद अमेरिकी बॉंड यील्ड में वृद्धि हुई है, जिससे निवेशकों की सतर्कता बढ़ी है। यूरोपीय बाजारों में हेल्थकेयर शेयरों की मजबूती के चलते स्टॉक्स 600 इंडेक्स ने रिकॉर्ड स्तर को छुआ है।
तकनीकी विश्लेषण
तकनीकी दृष्टिकोण से, एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे के अनुसार, निफ्टी में फॉलिंग वेज ब्रेकआउट के बाद सकारात्मक संकेत बने हुए हैं। जब तक इंडेक्स 25,900 के ऊपर बना रहता है, तब तक गिरावट पर खरीदारी की रणनीति कारगर रह सकती है।
शेयरों में हलचल
कारोबार के दौरान कुछ शेयरों में अच्छी हलचल देखने को मिली है। मूल्य के लिहाज से जुपिटर वैगन्स, एचडीएफसी बैंक, श्रीराम फाइनेंस और आईसीआईसीआई बैंक सबसे ज्यादा सक्रिय रहे हैं। वॉल्यूम के मामले में वोडाफोन आइडिया, जुपिटर वैगन्स और रिलायंस पावर आगे रहे।
बाजार का सेंटिमेंट
कुल मिलाकर, बाजार का सेंटिमेंट सकारात्मक बना हुआ है। बीएसई पर कारोबार करने वाले कुल शेयरों में बढ़त वाले शेयरों की संख्या गिरावट वाले शेयरों से अधिक रही है, जो यह संकेत देता है कि सीमित दायरे के बावजूद निवेशकों का भरोसा बना हुआ है।