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मध्य प्रदेश में वेस्टर्न बाईपास के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू

मध्य प्रदेश में वेस्टर्न बाईपास के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह बाईपास मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनेगा और इसकी लंबाई लगभग 29 किलोमीटर होगी। इससे वाहन चालकों को यात्रा में 28 से 30 किलोमीटर की कमी मिलेगी। NHAI ने छह गांवों में भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की है और दावे-आपत्तियों के लिए 21 दिनों का समय दिया है। जानें इस महत्वपूर्ण विकास के बारे में और अधिक जानकारी।
 

मध्य प्रदेश में वेस्टर्न बाईपास का निर्माण


उत्तर प्रदेश समाचार: मध्य प्रदेश में आवागमन को सुगम बनाने के लिए प्रस्तावित वेस्टर्न बाईपास के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण प्रगति की है। यह बाईपास मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित होगा और इसकी लंबाई लगभग 29 किलोमीटर होगी। इससे वाहन चालकों को 28 से 30 किलोमीटर की दूरी कम करने का लाभ मिलेगा, जबकि वर्तमान में उन्हें 60 से 62 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है।


भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना


प्रदेश के छह गांवों में भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की गई है। NHAI ने आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रस्तावित वेस्टर्न बाईपास के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज कर दिया है। शुक्रवार को, NHAI ने बायपास मार्ग में शामिल छह गांवों की 5.94 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की सूचना दी है। विभाग ने इस भूमि के संबंध में दावे और आपत्तियों को आमंत्रित किया है, जो अगले 21 दिनों में प्रस्तुत किए जा सकते हैं।


NHAI ने पनिहार, बरौआ नूराबाद, निरावली, जिनावली, जिगसौली और सौजना क्षेत्रों की अधिग्रहण सूचना प्रकाशित की है। यह बाईपास निरावली से काउंटर मैग्नेट सिटी क्षेत्र होते हुए पनिहार तक लगभग 29 किलोमीटर चलेगा। चार लेन का यह बाईपास आगरा-मुंबई मार्ग पर चालकों को 28 से 30 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी बचाने में मदद करेगा। वर्तमान में, वाहन चालकों को बेला की बावड़ी और विक्की फैक्ट्री से झांसी बायपास होकर रायरू तक पहुंचने के लिए लगभग 60 से 62 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है।