महाराष्ट्र सरकार ने मछली आहार खरीद के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए
मछली आहार की खरीद के लिए नए दिशा-निर्देश
महाराष्ट्र सरकार ने मत्स्य पालन क्षेत्र में स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए मछली आहार की खरीद के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
राज्य के मत्स्य पालन और बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ये नए निर्देश मत्स्य पालन परियोजनाओं को अधिक कुशल और आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ स्थानीय मछली आहार निर्माताओं को भी प्रोत्साहित करेंगे।
राणे ने कहा, 'वर्तमान में अधिकांश मछली आहार आयात किया जाता है। स्थानीय उत्पादकों को बढ़ावा देने और गुणवत्ता नियंत्रण को सख्त करने के लिए मत्स्य विभाग ने खरीद के दिशा-निर्देशों का एक नया समूह लागू करने का निर्णय लिया है।'
उन्होंने आगे बताया कि नए नियमों के अनुसार, महाराष्ट्र में सभी सरकारी सब्सिडी वाली मत्स्य पालन परियोजनाओं को केवल सरकार द्वारा पंजीकृत, प्रायोजित या मान्यता प्राप्त पायलट आहार उत्पादकों से ही आहार खरीदने की आवश्यकता होगी।
राणे ने कहा कि महाराष्ट्र ने केंद्रीय और राज्य वित्तीय सहायता के तहत कई मत्स्य पालन पहलों की शुरुआत की है, जिनमें मछली बीज उत्पादन और संरक्षण केंद्र, पिंजरा पालन, बायोफ्लोक सिस्टम, आरएएस (रीसर्कुलेटिंग एक्वाकल्चर सिस्टम) और नर्सरी तालाब शामिल हैं।
इन परियोजनाओं के सुचारू संचालन के लिए उच्च गुणवत्ता वाले मछली आहार की निरंतर आपूर्ति आवश्यक है। नए मानदंडों के अनुसार, मछली आहार को आईएसआई, बीआईएस, या एफएसएसएआई जैसे नियामक निकायों से प्रमाणित होना चाहिए। आहार की पैकेजिंग पर प्रोटीन, वसा, नमी और कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषण मूल्यों के साथ निर्माण और समाप्ति तिथि का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए।