मेटा ने चीनी एआई स्टार्टअप मैनस का अधिग्रहण किया
मेटा ने चीनी एआई स्टार्टअप मैनस का अधिग्रहण किया है, जो एआई क्षमताओं के विकास में महत्वपूर्ण कदम है। इस सौदे से मेटा के उत्पादों में नई तकनीक का समावेश होगा। मैनस, जो खुद को पहला 'जनरल एआई एजेंट' बताता है, ने पहले ही अपने मुख्यालय को चीन से सिंगापुर स्थानांतरित कर लिया है। यह कदम अमेरिका-चीन तकनीकी तनाव के बीच उठाया गया। जानें इस अधिग्रहण के पीछे की रणनीति और इसके संभावित प्रभाव।
Dec 30, 2025, 21:59 IST
मेटा का नया अधिग्रहण
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मेटा ने चीनी एआई स्टार्टअप 'मैनस' को खरीदने की घोषणा की है। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब मेटा अपने प्लेटफार्मों पर उन्नत एआई क्षमताओं का तेजी से विकास करने की योजना बना रहा है।
सौदे की जानकारी
हालांकि इस अधिग्रहण की आधिकारिक राशि का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, सिंगापुर स्थित मैनस की वैल्यूएशन लगभग 2 से 3 अरब डॉलर के बीच है। मेटा ने बताया है कि मैनस की तकनीक को उनके उपभोक्ता और व्यवसायिक उत्पादों, विशेषकर मेटा एआई में शामिल किया जाएगा।
मैनस की पहचान
मैनस इस वर्ष की शुरुआत में तब चर्चा में आया जब उसने खुद को दुनिया का पहला 'जनरल एआई एजेंट' बताया, जो बिना अधिक निर्देशों के निर्णय ले सकता है और कार्यों को पूरा कर सकता है। इस दावे के बाद इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर काफी चर्चा मिली, और चीनी सरकारी मीडिया ने भी इसकी सराहना की।
स्थानांतरण और साझेदारी
हालांकि, बाद में कंपनी ने अपने मुख्यालय को चीन से सिंगापुर स्थानांतरित कर दिया, जो अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तकनीकी तनाव को देखते हुए किया गया। वर्तमान में, मैनस के उत्पाद चीन में उपलब्ध नहीं हैं, और कंपनी ने पहले ही अलीबाबा के साथ एआई मॉडल विकास के लिए साझेदारी की है।
व्हाट्सऐप में उपयोग
मेटा के अनुसार, मैनस की तकनीक विशेष रूप से व्हाट्सऐप के छोटे और मध्यम व्यवसाय नेटवर्क में लागू की जाएगी। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यह अधिग्रहण मार्क जुकरबर्ग की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें व्यक्तिगत एआई एजेंटों को दैनिक डिजिटल जीवन में शामिल किया जाना है।
भविष्य की दिशा
इससे पहले, मेटा ने इस वर्ष डेटा लेबलिंग स्टार्टअप स्केल एआई में भी बड़ा निवेश किया था, जिसकी वैल्यूएशन लगभग 29 अरब डॉलर तक पहुंच गई थी। यह स्पष्ट है कि कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दौड़ में पीछे नहीं रहना चाहती।
एआई सेक्टर में प्रतिस्पर्धा
टेक उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि यह अधिग्रहण भविष्य में एआई क्षेत्र की दिशा को निर्धारित कर सकता है और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को और तेज करेगा।