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रिजर्व बैंक का सर्विस चार्ज में कमी का प्रस्ताव: जानें पूरी जानकारी

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले सेवा शुल्क को कम करने की योजना बनाई है, जिसमें डेबिट कार्ड शुल्क और न्यूनतम बैलेंस पेनल्टी शामिल हैं। इस कदम से ग्राहकों को राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि, RBI की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। जानें इस विषय में और क्या जानकारी है और यह कदम क्यों उठाया गया है।
 

बैंक सेवा शुल्क में कमी की योजना


बैंक सेवा शुल्क में कमी की योजना: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले सेवा शुल्क को कम करने की योजना बनाई है। इसमें डेबिट कार्ड शुल्क, न्यूनतम बैलेंस पेनल्टी और लेट फीस शामिल हैं। इस कदम से ग्राहकों को बैंकों द्वारा वसूले जाने वाले भारी शुल्क से राहत मिलने की उम्मीद है।


RBI की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं

हाल ही में RBI ने बैंकों को एक महत्वपूर्ण संदेश भेजा था, लेकिन इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। सूत्रों के अनुसार, RBI अधिकारियों ने हाल के हफ्तों में बताया कि वे डेबिट कार्ड, न्यूनतम बैलेंस और लेट फीस जैसे शुल्कों को कम करने की योजना बना रहे हैं।


रिटेल लोन पर ध्यान केंद्रित

यह कदम भारतीय बैंकों द्वारा रिटेल लोन में वृद्धि के बाद उठाया गया है। पिछले कुछ वर्षों में कॉर्पोरेट लोन में समस्याओं के चलते बैंकों ने रिटेल लोन पर अधिक ध्यान दिया है, जिसमें व्यक्तिगत लोन, कार लोन और व्यवसाय लोन शामिल हैं।


शुल्क पर कोई निश्चित सीमा नहीं

वर्तमान में, बैंकों द्वारा वसूले जाने वाले शुल्क पर कोई निश्चित सीमा नहीं है। ऑनलाइन वित्तीय मार्केटप्लेस के आंकड़ों के अनुसार, रिटेल और कमर्शियल लोन के लिए प्रोसेसिंग फीस आमतौर पर 0.5% से 2.5% के बीच होती है।


बैंकों की फीस आय में वृद्धि

इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में बैंकों की फीस आय 12 प्रतिशत बढ़कर ₹51,060 करोड़ हो गई, जबकि पिछली तिमाही में यह केवल 1 प्रतिशत बढ़ी थी।