×

रुपये में गिरावट, कच्चे तेल की कीमतों और व्यापार अनिश्चितता का असर

रुपये में गिरावट का मुख्य कारण कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में अनिश्चितता है। बुधवार को रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87 के स्तर से नीचे गिरकर 87.15 का निचला स्तर छुआ। इस स्थिति के पीछे आयातकों की डॉलर की मांग और विदेशी पूंजी की निकासी भी शामिल है। घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़त देखने को मिली, जबकि विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बिकवाली की। जानें इस आर्थिक स्थिति के और क्या प्रभाव हो सकते हैं।
 

रुपये की स्थिति

कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में अनिश्चितता के चलते निवेशकों की धारणा कमजोर हो गई है। इस कारण बुधवार को रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87 के स्तर से नीचे गिरावट दर्ज की।


आयातकों की मांग और विदेशी पूंजी का प्रभाव

विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, माह के अंत में डॉलर की मांग बढ़ने और विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी ने स्थानीय मुद्रा पर दबाव डाला। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपये ने नकारात्मक रुख के साथ शुरुआत की और अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 87.15 के निचले स्तर को छू लिया, जो पिछले बंद भाव से 24 पैसे की गिरावट को दर्शाता है।


पिछले दिन की स्थिति

मंगलवार को रुपये ने चार महीने के निचले स्तर पर पहुंचकर 21 पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.91 पर बंद हुआ। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 98.77 पर आ गया।


शेयर बाजार की गतिविधियाँ

घरेलू शेयर बाजारों में सेंसेक्स ने शुरुआती कारोबार में 126.27 अंक की बढ़त के साथ 81,464.22 अंक पर शुरुआत की, जबकि निफ्टी 45.90 अंक चढ़कर 24,867.00 अंक पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.11 प्रतिशत की बढ़त के साथ 72.59 डॉलर प्रति बैरल रही।


विदेशी निवेशकों की गतिविधियाँ

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मंगलवार को बिकवाल रहे और उन्होंने शुद्ध रूप से 4,636.60 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।