रुपये में गिरावट जारी, डॉलर के मुकाबले 52 पैसे की कमी
रुपये की गिरावट का नया स्तर
मंगलवार को कारोबार के अंत में रुपये की कीमत 88.82 रुपये प्रति डॉलर के निम्नतम स्तर पर पहुंच गई। भारतीय मुद्रा की इस गिरावट का सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के कारण रुपये में यह कमी आई है। पिछले दो महीनों में ट्रंप ने भारत के खिलाफ दो महत्वपूर्ण नीतियों में बदलाव किया है, जिससे रुपये पर दबाव बढ़ा है।
ट्रंप के निर्णयों का प्रभाव
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अगस्त में भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया और हाल ही में एच1 बी वीजा की फीस को एक लाख डॉलर कर दिया। इन निर्णयों का भारतीय रुपये पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, जिससे इसकी कीमत में लगातार गिरावट देखी जा रही है।
विशेषज्ञों की राय
विदेशी मुद्रा व्यापारियों का कहना है कि रुपये का यह गिरता स्तर चिंता का विषय है। बाजार में प्रतिभागी एच-1बी वीजा शुल्क के संभावित प्रभावों का विश्लेषण कर रहे हैं। इस निर्णय से भारत को अमेरिका से होने वाले धन प्रेषण में कमी आ सकती है, जिससे सेवा निर्यात भी प्रभावित हो सकता है। वैश्विक जोखिमों से बचने की प्रवृत्ति और व्यापारिक नीतियों की अनिश्चितता ने रुपये की कमजोरी को और बढ़ावा दिया है।
सोने और चांदी की कीमतों में वृद्धि
रुपये में गिरावट के कारण कीमती धातुओं की कीमतों में तेजी आई है। मंगलवार को रुपये की कीमत 88.82 (अनंतिम) के स्तर पर पहुंच गई, जिससे दिल्ली में सोने की कीमत 2,700 रुपये बढ़कर 1,18,900 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 2,650 रुपये की वृद्धि के साथ 1,18,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। चांदी की कीमत भी 3,220 रुपये की वृद्धि के साथ 1,39,600 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।