रेवाड़ी में बाजरे की फसल पर फॉल आर्मी वर्म का खतरा
फसल पर मंडरा रहा खतरा
Millet crop, रेवाड़ी। दक्षिण हरियाणा के रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ में इस वर्ष डेढ़ लाख हेक्टेयर में बाजरे की खेती की गई है। हालांकि, फसल को फॉल आर्मी वर्म (फ्रूगीपरडा) कीट से खतरा है। यह कीट पत्तियों, तनों और गोभ को नुकसान पहुंचाता है, जिससे फसल की पैदावार में भारी गिरावट आ सकती है। रेवाड़ी के कुछ खेतों में इस कीट का प्रकोप देखा गया है। यह कीट मुख्य रूप से मक्के पर हमला करता है, लेकिन अब यह बाजरे पर भी सक्रिय हो गया है। क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, बावल के वरिष्ठ कीट वैज्ञानिक डॉ. बलबीर सिंह ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपने खेतों की नियमित निगरानी करें और उचित समय पर कीटनाशकों का उपयोग करें।
फॉल आर्मी वर्म की पहचान
फॉल आर्मी वर्म की पहचान
इस कीट की सुंडियां मटमैले रंग की होती हैं और ये पत्तियों पर लंबे या आयताकार छेद बनाती हैं। ये गोभ को खाकर फसल को नुकसान पहुंचाती हैं। अलग-अलग समय पर बिजाई करने से इसका प्रकोप बढ़ सकता है। किसानों को अपने खेतों की सतर्क निगरानी करनी चाहिए।
निगरानी और बचाव के उपाय
निगरानी और बचाव के उपाय
फॉल आर्मी वर्म की निगरानी के लिए प्रति एकड़ 5 फेरोमोन ट्रैप लगाना चाहिए। यदि प्रकोप दिखाई दे, तो गोभ में सूखी रेत और चूने का 9:1 मिश्रण डालें। साप्ताहिक रूप से ढाई ट्राइको कार्ड (50,000 परजीवीकृत अंडों के साथ) पौधों पर लगाएं। 5% नीम बीज घोल या 1 लीटर अजाडरेक्टिन 1500 पीपीएम को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें। यदि प्रकोप 10-20% से अधिक हो, तो 80 मिलीलीटर क्लोरेनट्रानिलीप्रोल 18.5% एससी, 80 ग्राम एमामेक्टिन बेंजोएट या 100 मिलीलीटर स्पाईनटेरोम 11.7 एससी को 200 लीटर पानी में मिलाकर गोभ में छिड़कें। ये कीटनाशक कृषि मंत्रालय द्वारा अनुशंसित हैं।